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You are here: Home / पीसीओएस और थायरॉयड / हाइपोथायराइड डाइट प्लान (थायराइड में वजन कैसे कम करें) Hypothyroid Diet Plan in Hindi

हाइपोथायराइड डाइट प्लान (थायराइड में वजन कैसे कम करें) Hypothyroid Diet Plan in Hindi

क्या आप जानते हैं कि भारत में लगभग 42 मिलियन लोग थायराइड रोग से पीड़ित हैं। भारतीय महामारी विज्ञान (Indian epidemiological study) की स्टडी से पता चलता है कि हर 10 में से 1 व्यक्ति थायराइड की बीमारी से जूझ रहा है। कोचीन में किये गए एक अध्ययन से पता चला कि 3.9 – 9.4 % आबादी को थायराइड की बीमारी है। dietburrp आपके लिए थायराइड को काबू में रखने और वजन घटाने के लिए एक फ्री डाइट प्लान लेकर आया है| हाइपोथायराइड डाइट प्लान (थायराइड में वजन कैसे कम करें) Hypothyroid Diet Plan in Hindi

हाइपोथायराइड डाइट प्लान (थायराइड में वजन कैसे कम करें) Hypothyroid Diet Plan in Hindi

 

भारत सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है। हमारे प्रसिद्ध भारतीय दार्शनिक श्री श्री रविशंकरजी ने कहा, “भारत 7 अद्वितीय परंपराओं का घर है, जैसे – आध्यात्मिकता, आयुर्वेद, संगीत, कपड़े और पोशाक, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन और अंत में , यह भोजन का घर है”। अक्सर कहा जाता है, “जैसा अन्न, वैसा मन” लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि हम जो खा रहे हैं वह हमारे शरीर के लिए सही है या पर्याप्त है? दुनिया के आधुनिकीकरण के साथ, हम भोजन के असली महत्त्व को भूल रहे हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन(unhealthy food) या जंक फ़ूड शरीर में बहुत सी कमियों का कारण है।

Table of Contents

    • भारत में हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति पर एक नज़र
    • थायराइड होने के क्या कारण हैं ?
  • थायराइड में वजन कैसे कम करें (Hypothyroid Diet Plan in Hindi )
    • थायराइड में क्या खाएं क्या ना खाएं?
  • हाइपोथायराइड डाइट प्लान (Hypothyroid Diet Plan in Hindi)
    • हल्दी की चाय कैसे बनायें?
    • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

भारत में हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति पर एक नज़र

जब हम “हाइपोथायरायडिज्म” शब्द सुनते हैं, तो आँखों के सामने आने वाली सबसे पहली तस्वीर 35-50 की उम्र की महिलाओं की होती है। जबकि असलियत में पाचन की खराबी से होनेवाला यह रोग किसी को और कभी भी हो सकता है । आजकल बच्चों में भी यह बीमारी देखने को मिल रही है | हालांकि, महिलाओं को यह बीमारी होने का खतरा तीन गुना ज्यादा है।

थायराइड होने के क्या कारण हैं ?

  • पहाड़ी क्षेत्रों में या उसके आसपास रहना
  • खाने में अधिक मात्रा में goitrogens (थायरॉइड ग्रंथि के कार्य में हस्तक्षेप करने वाले फ़ूड आइटम्स)
  • आनुवंशिक कारण (hereditary causes)
  • या जीवन शैली से सम्बंधित कारण (wrong lifestyle)

भारत की मिट्टी में आयोडीन की कम मात्रा और कीटनाशकों का बड़े पैमाने पर उपयोग इसके प्रमुख कारण हैं। पीने का गन्दा पानी और फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरे से भी थायराइड की सम्भावना बढ़ जाती है। भारत में अनाज ज्यादा खाया जाता है  जिन क्षेत्रों में ज्यादा रिफाइंड (ज्यादा बारीक़ पिसा हुआ) अनाज खाया जाता है वहां हाइपोथायरायडिज्म की संभावना अधिक होती है|

हाइपोथायरायडिज्म शरीर के पाचन को धीमा कर देता है।इसका सबसे बड़ा और भयानक साइड इफेक्ट है वजन का तेजी से बढ़ना । कब्ज, बालों का झड़ना, सूखी त्वचा, थकान और मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन इसके अन्य सामान्य लक्षण हैं।

आहार और हाइपोथायरायडिज्म पर कुछ और सुझाव पढ़ें

हाइपोथायरायडिज्म से निपटने के लिए सही भोजन हमारा सबसे पहला हथियार होना चाहिए| जैसा कि हमारा मोटो कहता है ‘जब प्लान है तो चिंता क्यों‘

थायराइड में वजन कैसे कम करें (Hypothyroid Diet Plan in Hindi )

  • अनाज

दिन भर में 7 से 9 सर्विंग अनाज (1 सर्विंग = 30 ग्राम कच्चे) का सेवन कर सकते हैं । रिफाइंड अनाज की बजाय साबूत अनाज खाना चाहिए। फाइबर युक्त साबुत अनाज, कब्ज हटाने और वजन घटाने में सहायता करता है। आप नीचे लिखे अनाज में से चुन सकते हैं-

ओट्स (Oats): दलिया, उपमा या पैन केक्स

किनुआ (Quinoa): सलाद, किनुआ मिस्सी रोटी या उपमा।

चावल (Rice): ब्राउन चावल और काले चावल।

बाजरा: बाजरा और ज्वार की रोटी या मिले जुले आटे की थालीपीठ

साबूत गेहूं और दलिया: चपातियां या खाकरा, दूध के साथ टूटी हुई गेहूं का दलिया।

 

  • दालें

इस फ़ूड ग्रुप को ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। दालें न केवल प्रोटीन और फाइबर का भण्डार हैं, बल्कि फाइटोन्यूट्रीएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये चिकनाई (Fat) में कम हैं। उच्च प्रोटीन शारीरिक थकान को कम करने और थाइरोइड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने में मदद करती हैं। ये वजन कम करने में भी मदद करते हैं। 2 -3 सर्विंग्स / दिन (1 सर्विंग = 30 ग्राम कच्चे) | मूंग, मोठ की फलियाँ, चावली, राजमा, छोले, चना, किडनी बीन्स इत्यादि जैसे दालों को बदल बदलकर शामिल किया जा सकता है।

  • मेवे और तिलहन

अखरोट और अलसी के बीज में मौजूद ओमेगा 3 शरीर के तनाव (stress) को कम करने में मदद करते हैं और रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं। वे मस्तिष्क कोशिकाओं की अखंडता को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। ब्राजील नट्स सेलेनियम से भरपूर हैं, जो थायरॉयड ग्रंथि की सही एक्टिविटी और सही कार्रवाई में मदद करता है। सूखे मेवों को केवल 2 – 3 नट्स / दिन से ज्यादा न लें क्योंकि इनमे फैट बहुत अधिक है जो मोटापे को बढ़ाता है।

  • दूध और दूध से बनी वस्तुएं

दूध के बिना भारतीय खाना अधूरा है इसमें कैल्शियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और ये दोनों थायराइड ग्लैंड को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं कैल्शियम मांसपेशियों की गतिविधि को बनाए रखता है जबकि प्रोटीन पूरे शरीर में थायराइड हार्मोन के सही तरीके से काम करने में मदद करता है। दूध में मौजूद विटामिन डी हमारे शरीर के हार्मोन पाथवे (Hormone Pathway)को काबू में रखता है।

कम चिकनाई वाला लो फैट दूध, दही, छाछ या पनीर की 2 -3 सर्विंग्स / दिन (1 सर्विंग = 150 मिलीलीटर गाय का दूध) का चयन करें।

  • सब्जियां और फल

रंग बिरंगे फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। जो शारीरिक तनाव को कम करते हैं और त्वचा (skin) को भी अच्छा बनाए रखते हैं। यह बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ाते हैं जो कि हाइपरथाइरॉयडिज़्म की वजह से मंद पड़ जाती है। दिन में कम से कम पांच से छह सर्विंग लें| (1सर्विंग = 100 ग्राम) । अलग-अलग तरह के डिटॉक्स वॉटर, सलाद, और उबली हुई या बिना तेल के भुनी हुई सब्जियां भी ले सकते हैं। आपको कुछ मजेदार रेसिपी dietburrp पर मिल जाएगी।

  • मछली

अपनी डाइट में मछली को शामिल करने से मांसाहारी लोगों को ओमेगा-3 अच्छी मात्रा में मिल जाता है लेकिन यहां ध्यान रखने की बात है कि आपको तली हुई मछली नहीं, लो फैट मछली खानी है (सालमन, टूना या सारडाइन)। प्रतिदिन 1 सर्विंग (100 ग्राम) तक। मछली का तेल ना केवल थायराइड की वजह से आई सूजन को कम करता है बल्कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है और व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य (overall health) में सुधार करता है।

  • आयोडीनयुक्त नमक

अपने भोजन में आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करें। आयोडीन वाला नमक पूरे दिन में हमारे शरीर की आयोडीन की 30% जरूरत को पूरा कर सकता है। नमक कौनसा खाए? 

थायराइड में क्या खाएं क्या ना खाएं?

खाने में मौजूद Goitrogens थायरॉयड ग्रंथि की गतिविधि में रूकावट डालते हैं और खून में आयोडीन को अवशोषित नहीं होने देते।
• फूलगोभी, पत्तागोभी, केल, और ब्रोकोली।
• बीन्स – सोयाबीन और लीमा बीन्स।
• शकरकंदी (Sweet Potato)
पकने के बाद ऊपर बताई गयी सब्जियां शायद आपको नुकसान ना करें क्योंकि पकाने से इनमे उपस्थित Goitrogens नष्ट हो जाते हैं|

ज्यादा कैलोरी वाली खाने की वस्तुएं, मैदा से बनी चीज़ें, मिठाईयां, चॉकलेट आदि थायरॉइड की दवाओं का असर कम कर देते हैं। आगे चलकर ये थायरॉइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इस तरह का भोजन वजन को तेजी से बढ़ाता है। चाय, कॉफ़ी या शराब (Alcohol) की अधिकता भी थायरॉइड ग्रंथि के संतुलन को ख़राब करता है। इसलिए इन सभी के सेवन से बचें। हाइपोथायराइड डाइट प्लान के साथ ज़रूर देखें थायराइड के घरेलू नुस्खे|

हाइपोथायराइड डाइट प्लान (Hypothyroid Diet Plan in Hindi)

हाइपोथायराइड डाइट प्लान का सॅंपल मेनू इस प्रकार हैं|

FOOD ITEM AMOUNT
सुबह (खाली पेट)
नींबू+गर्म पानी+थाइरोइड की दवा 1 गिलास
नाश्ता
ओट्स उपमा 1 कप
अंडे के सफेद भाग का आमलेट(Omelete)

खूब सारी शिमला मिर्च

2 अंडे
सब्जियों वाला वेर्मिसिली(vermicili) उपमा 1 कटोरी
अदरक और नींबू की चाय (दूध न डालें) 1 कप
11-11.30 बजे
संतरा / हरा या लाल सेब /ग्रेपफ्रूट /तरबूज 1 कप
दोपहर का खाना
सलाद (पत्ता गोभी को छोड़कर) 1 कप
ब्राउन चावल+सब्जी+दाल 1 कप+1 कटोरी+1 कटोरी
या, गेहूं का दलिया+सब्जी+दाल 1 कप+1 कटोरी+1 कटोरी
या, रोटी (बिना घी के) +सब्जी+दाल 2 (छोटी)+1 कटोरी+1 कटोरी
+दही या बिना तली मछली (50gm) या चिकन (50gm) 1 कटोरी
छाछ / ग्रीन टी 1 गिलास /1 कप
शाम का नाश्ता (Snack)
ग्रीन टी 1 कप
अखरोट या ब्राज़ील नट्स 2 – 3
देर शाम (dinner से पहले)
सब्जी का सूप (बिना छाने) 1 कप
या हड्डी का शोरबा 1 कप
रात का खाना (Dinner)
सलाद (गोभी और पत्ता गोभी को छोड़कर) 1 कप
जवार की रोटी (बिना घी के) +घिया / तोरी / गाजर की सब्जी + दही 2 +1 कप पकी हुई+1 कप
या, थालीपीठ (मिक्स आटा रोटी) +घिया / तोरी / गाजर की सब्जी + दही 2 +1 कप पकी हुई+1 कप
रात के खाने के बाद
नींबू +गर्म पानी 1 कप
सोने से पहले
हल्दी की चाय*(रेसिपी नीचे देखें) 1 कप

हल्दी की चाय कैसे बनायें?

पानी उबालें, उसमें हल्दी की 1 पूरी चम्मच, 1/4 टी स्पून काली मिर्च पाउडर और 1/4 टी स्पून कच्चा खाने का नारियल का तेल मिलाएँ।

यह हल्दी चाय आपकी थायरॉयड ग्रंथि को फिर से एक्टिव कर देगी जिससे दोबारा से थायराइड हार्मोन का उत्पादन शुरू हो सकता है| यदि आपकी बीमारी नयी है तो इसके नियमित सेवन से आप दवाओं से भी छुटकारा पा सकते हैं

हाइपोथायराइड डाइट प्लान आपको वजन घटाने और अच्छे स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम उठाने में मदद करेगा। एक महीने तक इस डाइट प्लान का पालन करने के बाद आप वजन कम करने के लिए एक दूसरा डाइट प्लान ले सकते हैं।

इस प्रकार, लोगों में इस आम बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना ज़रूरी है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी भी रोग से लड़ने के लिए दवाओं और व्यायाम के साथ- साथ भोजन भी बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। खाने में थोड़े से बदलाव के साथ, शरीर में पाचन का संतुलन फिर से बनाया जा सकता है। मुझे आशा है कि हाइपोथायराइड डाइट प्लान आपको वजन कम करने और पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

Q 1. क्या थायराइड की बीमारी ठीक हो सकती है?

A 1. थायराइड की समस्या को पूरी तरह से तो ठीक नहीं किया जा सकता। हां, सही खान-पान और दवाओं की मदद से इसे नियंत्रित (control) में रख सकते हैं|

 

Q2. थायराइड की बीमारी कैसे होती है?

A2. थायराइड एक बीमारी नहीं है| हमारे गले में जब थायराइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं कर पाते

तब शरीर में होर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाने से वजन कम या ज्यादा होने लगता है |

 

 

About RD, Payal Banka (Registered Dietitian)

RD, Payal Banka (Registered Dietitian)

Payal(पायल) is a Registered Dietitian with 15 years of experience. She is a Professional Blogger, Author, and a Youtuber. She is an MBA in Health care and Hospital management. Payal believes in healthy living. Here at Dietburrp, you will find her talking about health, weight loss, fitness, parenting, healthy cooking and how to keep yourself motivated to be healthy.

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