अगर आप भी उन 20 करोड़ औरतों में से एक हैं जो एंडोमेट्रियोसिस की परेशानियाँ झेल रही हैं तो आप इससे होने वाले दर्द से भलीभांति परिचित होंगी। बहुत सी महिलाएं इसमे उठने वाले तीव्र दर्द और बांझपन के खतरे से निराश हो कर डिप्रेशन में चली जाती हैं। अगर आप इस विकार को ठीक करना चाहती हैं तो सही भोजन से लेकर सही जीवन शैली अपनाने तक कई उपाय करने होंगे। Indian Diet Plan for Endometriosis in Hindi. Endometriosis me kya khana chahiye? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाना चाहिए?
Dietburrp पर बताए गए इंडियन डाइट प्लान फॉर एंडोमेट्रियोसिस और उसके साथ कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज करके इससे होने वाले दर्द से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।आपको पता होना चाहिए कि शरीर में होने वाली सूजन और जलन (Inflammation) एंडोमेट्रिओसिस दर्द का मुख्य कारण है। हम जो भी खाते है वह सीधे-सीधे हमारे शरीर पर असर डालता है इसलिए सही भोजन खा कर इसके लक्षणों में भी कमी कर सकते हैं। नीचे आपको एक सूची दी जा रही है जिसमें इन्फ्लेमेटरी फूड आइटमस के बारे में विस्तार में बताया जा रहा है जिससे आप जान पाएंगे कि एंडोमेट्रिओसिस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।Indian Diet Plan for Endometriosis in Hindi (Endometriosis me kya khana chahiye? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाना चाहिए? )
एंडोमेट्रिओसिस में क्या ना खाएं Foods to Avoid in Endometriosis
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प्रोसेस्ड फूड (Processed Food)
प्रोसेस्ड फूड (कई प्रक्रियाओं में बना हुआ खाना) इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है, क्योंकि यह कई तरह की सामग्री से मिलकर और कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद तैयार होता है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका है कि ऑर्गेनिक खाने को पकाएं और ताजा ही खायें। प्रोसेस्ड फूड के उदाहरण- बोतल बंद पानी, डिब्बाबंद जूस या इसी प्रकार के अन्य पेय पदार्थ। सभी processed फूड आइटम आकर्षक पैकिंग में होते हैं और खाने में सुविधाजनक होते हैं इसलिए लोग इन्हें पसंद करते हैं और बीमारियों का शिकार बनते हैं।
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फीन (Caffeine)
कैफीन इन्फ्लेमेशन को बढ़ाकर पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा करता है। ज्यादा मात्रा में कैफीन लेने से शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है जो एंडोमेट्रियोसिस को और अधिक बढ़ावा देती है, इसलिए ऐसे पदार्थ जिनमें कैफीन है उनसे बचना चाहिए। कैफीन वाले खाने के उदाहरण- चाय, कॉफी, चॉकलेट वाले पेय पदार्थ या आइसक्रीम, Breakfast Cereals, चॉकलेट, टॉफी और Frozen Desserts। इसके अलावा बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनमें गुप्त रूप से कैफीन मिलाई गई होती है जैसे कि ग्रीन टी, पीएमएस और सिरदर्द की दवाइयाँ, सोडा और सभी सोडे वाले ड्रिंक।
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शराब (Alcohol)
हम सभी जानते हैं कि शराब लिवर पर बुरा असर डालती है क्योंकि लिवर शरीर से अनचाहे तत्वों को बाहर करने का काम करता है। शराब इन्फ्लेमेशन पैदा करके एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को बढ़ा सकती है।
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Red Meat
लाल मीट खून में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ाकर एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को पनपने में सहायक है।
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दुग्ध पदार्थ (Dairy Products)
दूध और दूध से बनी चीजों में एंटीबायोटिक और ग्रोथ (growth) हार्मोन होते हैं जो एंडोमेट्रियोसिस पर विपरीत तरह से काम करते हैं।
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फ्राइड फूड (Fried Food)
गहरे तेल में तला हुआ खाना इन्फ्लेमेशन को बढ़ाकर एंडोमेट्रियोसिस से हो रहे दर्द और परेशानी को और ज्यादा बढ़ा सकता है। ज्यादा तेल युक्त खाना फ्री रेडिकल पैदा करता है जिससे शारीरिक असंतुलन बढ़ता है।
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अधिक चीनी युक्त खाद्य पदार्थ (Sugary Food)
चीनी की अधिक मात्रा इन्फ्लेमेशन को तेजी से बढ़ाकर फैट में भी बढ़ोतरी करती है, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादा एस्ट्रोजन पैदा होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटाकर एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को बढ़ा देते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाएं? Foods to Eat in Endometriosis
यह लिस्ट पढ़ने से आप जान पाएंगे कि एंडोमेट्रियोसिस होने के बाद किस तरीके के खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें-
- ओमेगा 3 (Omega 3)
एंडोमेट्रिओसिस के दर्द से लड़ने का सबसे बेहतर तरीका है एंटी इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थों को अपने रोज़ के खाने में शामिल करें। जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, ऑलिव ऑयल, अलसी के बीज और सालमन फिश।
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पूरा फल (Whole Fruits)
फलों के छिलके उतारने की बजाय पूरा फल खाएं। फलों के सभी मिनरल्स, पोषक तत्व, विटामिन और फाइबर आपको सही मात्रा में तभी फायदा पहुंचाते हैं जब आप उसे पूरे रूप में खाते हैं यानि कि छिलके के साथ खाते हैं। इसके अलावा फलों में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो कि एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े पेल्विक दर्द को कम करने में सक्षम हैं।
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लौह तत्व (Iron Content)
एंडोमेट्रियोसिस के दौरान खून का तेज स्त्राव होने के कारण ऐसे खाद्य पदार्थ खाने पड़ेंगे जिनमें लौह तत्व भरपूर मात्रा में हो ताकि बह गए रक्त की भरपाई हो सके। जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सूखी खुमानी, मछली, चुकंदर, अंडे आदि।
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फाइबर युक्त भोजन (Fibrous Food)
अधिक फ़ाइबर युक्त सब्ज़ियाँ, सीड्स, साबुत अनाज जैसे कि ओट्स, ब्राउन चावल, कुट्टू का आटा, मक्की का आटा, बाजरा, राई इत्यादि फायदेमंद हैं क्योंकि ये सभी फाइबर से युक्त हैं और पाचन तंत्र को तंदुरुस्त रखते हैं। इनमें मौजूद फ़ाइबर एस्ट्रोजन को अपने साथ बांधकर मल के साथ बाहर निकाल देता है।
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विटामिन बी (Vitamin B)
हरी पत्तेदार सब्जियां महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन के सही निर्माण और प्रयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विटामिन बी को नियमित रूप से भोजन में शामिल करने के लिए पत्ता गोभी, फूल गोभी, मूली, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शलगम, kale आदि खाएं। अगर आप को साथ में हाइपोथायराइड की परेशानी भी है तो इन्हें अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या डायटिशियन से सलाह अवश्य लें।
Indian Diet Plan for Endometriosis in Hindi /Endometriosis me kya khana chahiye? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाना चाहिए?
इंडियन डाइट प्लान फॉर एंडोमेट्रियोसिस Indian Diet Plan for Endometriosis in hindi. यहां आपको एंडोमेट्रियोसिस के लिए एक भारतीय डाइइट प्लान बताया जा रहा है, इनमें उन्हीं फूड आइटम्स को शामिल किया है जिनके बारे में हमने आर्टिकल में ऊपर बात की है और जो आसानी से उपलब्ध हैं।
सुबह खाली पेट | 2 भीगे अखरोट+6 भीगे बादाम
1 गिलसस गुनगुना पानी+2 tsp चिया सीड्स (Chia Seeds) |
सुबह का नाश्ता | 2 कूट्टू डोसा + आलसी चटनी
1 कटोरी ओट्स उपमा + सब्जियाँ 1 कटोरी पाक हुआ स्प्राउट 2 आमलेट + शिमला मिर्च |
दोपहर से पहले | 1 गिलास चुकंदर जूस + 1 tsp एक्स्ट्रा वर्जिन आलिव ऑइल
+ 1 tsp हल्दी पाउडर (एंटी इन्फ्लैमेटरी ड्रिंक) |
दोपहर का खाना | 1 प्लेट सलाद (गाजर/मूली/1 bowl स्प्राउटस) +
चना सब्ज़ी – 1 bowl + कप चावल 1 bowl /2 रोटी/ 2 बाजरा रोटी + 1 कप हरी पत्तेदार सब्ज़ी |
शाम की चाय | 1 कप हर्बल टी (बिना कैफीन वाली) |
2 घंटे बाद | 2 bowl गाजर अदरक सूप |
रात का खाना | 1 bowl वेजीटेबल दलिया
या 1 bowl किनुआ वेजीटेबल पुलाव या 1 bowl बाजरा खिचड़ी |
सोने से पहले | 1 गिलसस गुनगुना पानी + 1 tsp नींबू |
एंडोमेट्रियोसिस के लिए आवश्यक टिप्स / Tips for Endometriosis in Hindi
एंडोमेट्रिओसिस के लिए डाइट प्लान के अलावा नीचे बताए गए टिप्स को अपनी जीवनशैली में अपनाना बहुत जरूरी है। अगर आप एंडोमेट्रियोसिस के साथ होते हुए भी अपने जीवन को खुशी से बिताना चाहते हैं तो शारीरिक व्यायाम किसी भी रूप में अपनी जिंदगी में शामिल जरूर करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर में जलन और सूजन कम करने के लिए किसी भी तरह का शारीरिक व्यायाम बहुत आवश्यक है। व्यायाम करने से निकलने वाले हैप्पी हार्मोन एस्ट्रोजन लेवल को बखूबी कम करके एंडोमेट्रियोसिस को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
- अच्छी और भरपूर नींद (sleep Well)
अच्छी नींद हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद है। नींद के दौरान भी हमारा शरीर बहुत से उपयोगी काम करता रहता है जैसे कि नई मांसपेशियों का बनना, शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया, और मानसिक तनाव में कमी होना। इसलिए पूरे दिन में 7 से 8 घंटे एक भरपूर नींद के लिए अवश्य बचा कर रखने चाहिए। सोने से 2 घंटे पहले किसी भी रूप में कैफीन और शराब का सेवन ना करें। नींद ना आने पर अपने दिमाग और मन को शांत करने के लिए कुछ प्राणायाम या गहरी सांस भरने वाली तकनीक भी अपना सकते हैं।
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एक्यूपंक्चर (Acupuncture)
यह पारंपरिक तकनीक शरीर में रक्त प्रवाह को सही तरीके से प्रोत्साहित करके पेल्विक दर्द को घटा सकती है और डिटॉक्सिफिकेशन को भी एक्टिवेट करती है। इस प्रकार एक्यूपंचर एंडोमेट्रियोसिस में मददगार साबित हो सकता है।
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शांत मन स्वस्थ तन (Mind and Body Healing)
हम सभी जानते हैं कि शारीरिक स्वास्थ्य केवल स्वस्थ मन के द्वारा ही पाया जा सकता है, जिसके लिए ध्यान लगाना अति आवश्यक है। दिन भर के तनाव से छुटकारा पाने का यह सबसे बेहतर तरीका है कि कुछ समय निकालकर आप शांत चित्त होकर गहरी सांसें लें जिससे आपको पूर्ण शांति का अनुभव होगा।
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ज़िंदगी से टॉक्सिंस को हटायें (Minimize Toxic load)
खतरनाक टॉक्सिंस विभिन्न रास्तों से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं- जैसे भोजन के द्वारा, घर में उपयोग किए जाने वाले सफाई के उत्पादों के रास्ते से, फिनाइल इत्यादि के द्वारा, वातावरण में मौजूद टॉक्सिंस- जैसे कि मर्करी, पेस्टिसाइड, BPA, radon और विभिन्न तरह की दवाइयों के माध्यम से। ये सभी मिलकर एंडोमेट्रियोसिस को बढ़ावा देते हैं इसलिए बेहतर यही होगा कि इन्हें कम से कम अपने घर में घुसने की जगह दें। ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक भोजन करें, प्लास्टिक को अपने जीवन से दूर करें, प्लास्टिक के बने बर्तनों का इस्तेमाल ना करें, और बर्तनों की साफ-सफाई के लिए घर में ही बनाई गए चीजों का इस्तेमाल करें, ज्यादा बनावटी और प्रासेस्ड फूड खाने से बचें।
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योनि भाप लें (Vaginal Steam)
महिलाओं में यह विकार उनके प्रजनन अंगों में गड़बड़ी से पैदा होता है इसलिए बेहतर यह होगा कि योनि (Vagina) को सादे पानी से भाप लेकर साफ रखा जाए। गरम पानी की भाप से सभी रक्त कोशिकाएं दोबारा से अपने काम पर लग जाएंगी और रुकी हुई सारी गंदगी बाहर निकल जाएगी। इन्हें भी पढ़ें:
Indian Diet Plan for conceiving in Hindi.
Diet to Increase Sperm count in Males, in Hindi.
Remedy for White Discharge in Women in Hindi.
अंत में
भोजन शैली में आवश्यक परिवर्तन और ऊपर समझाया गया Indian Diet Plan for Endometriosis in Hindi. Endometriosis me kya khana chahiye? एंडोमेट्रियोसिस में क्या खाना चाहिए? आपके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। हालांकि मैं यह मानती हूं कि इस प्राकृतिक सुधार प्रक्रिया में समय, संकल्प, और प्रयास सभी की जरूरत है। पर आपने सुना होगा कि एक कोमल रस्सी भी बार बार कोशिश करके सख्त पत्थर पर भी निशान डाल सकती है तो आप अपना उद्देश्य क्यों नहीं हासिल कर सकते। सम्पूर्ण स्वास्थ्य पाने कि इस यात्रा में हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूलें और personalized diet plan बनवाने के लिए क्लिक करें।
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