नए मातृत्व का हर महिला बेहद प्यार और नाजुकता से अपने जीवन में स्वागत करती है। लेकिन परंपरागत और आधुनिक आहार में बहुत फर्क होने की वजह से वह असमंजस में पड़ जाती है कि स्तनपान कराने वाली माँ का आहार कैसा होना चाहिए। इसलिए स्तनपान कराने वाली माँ के लिए डाइट प्लान बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। Indian diet plan for Lactation in Hindi स्तनपान करने वाली माँ का आहार कैसा होना चाहिए? Breastfeeding diet chart in hindi.
जब एक माँ बच्चे को जन्म देती है तो वह अक्सर सुनती है कि अब उसे दो के लिए खाना है। वास्तविकता में ऐसा नहीं है, नवजात शिशु की माँ को अपने लिए और बच्चे के लिए अलग से खाने की आवश्यकता नहीं है। आज का यह ब्रेस्ट फीडिंग डाइट चार्ट (Indian Diet Plan for Lactating Mothers) आपकी सभी शंकाओं का समाधान करेगा। सभी को पता है कि डिलीवरी के बाद माँ का शरीर बहुत ही कमजोर हो जाता है।
इस समय उसे अतिरिक्त नूट्रिशन की जरूरत होती है ताकि वह अपने बच्चे को भी सेहतमंद बना सके। नवजात शिशु अपनी सभी जरूरतों – आहार, नींद, सफाई, और देखभाल – के लिए अपनी माँ पर निर्भर है। शिशु विकास के लिए सारा पोषण माँ के दूध से ही मिलता है। माँ के पेट में जो भी जा रहा है वह सभी बच्चे तक दूध के माध्यम से पहुंच जाता है। अक्सर बच्चा माँ के दूध में ही सभी स्वादों का भी अनुभव करता है।
Indian diet plan for new mothers after cesarean delivery / C section Delivery
स्तनपान कराने वाली माँ के लिए जरूरी टिप्स / Breastfeeding Diet Tips for Mothers in hindi
यह बिल्कुल सच है कि शिशु को दूध पिलाने वाली माँ को 2 लोगों का पेट भरना होता है। इसके लिए उसे भोजन में कैलोरी की मात्रा बढ़ाने की बजाय उसके न्यूट्रिशन को दोगुना करना चाहिए। पोषण की सही जानकारी के लिए स्तनपान कराने वाली माँ के लिए आहार चार्ट को अपनाएं। स्तनपान करने वाली माँ का Diet Plan. Indian diet plan for Lactation in Hindi
- ज्यादातर औरतों का कहना है कि जब वे शिशु को दूध पिलाती हैं तो उन्हें जल्दी भूख लग जाती है।
- अनहेल्दी खाना खाने से एक तो बच्चे को पोषण नहीं मिलता और दूसरे उसका पेट नहीं भरता। इसलिए भोजन का असली उद्देश्य माँ और बच्चे को ताकत प्रदान करना होना चाहिए। इसलिए स्तनपान कराने वाली माँ के लिए आहार प्लान से आपको अपने लिए सही भोजन चुनने में मदद मिलेगी। Indian diet plan for Lactation in Hindi
दूध पिलाने वाली माताओं में मोटापे का डर
जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उन्हें मोटे होने और शरीर के बेडौल होने का डर होता है। लेकिन माता को याद रखना चाहिए कि बच्चा उसकी पहली जिम्मेदारी है और उसका विकास पूरी तरह से उस पर निर्भर है। रिसर्च के अनुसार जो माँ ब्रेस्टफीड कराती है वह अपना बढ़ा हुआ वजन तेजी से घटा सकती हैं। चलिए ब्रेस्ट फीड कराने वाली माँ के लिए सही आहार जानते हैं | 1200 calories weight loss diet plan in Hindi.
Indian Diet Plan for Lactation in Hindi / Breastfeeding Diet Chart in Hindi
खाद्य पदार्थ | कैलोरी (KCAL) | प्रोटीन (GMS ) | पोषण-ज्ञान |
सुबह: (7.00 Am) |
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गरम दूध (1 गिलास) + 1 tsp शतावरी पाउडर | 150 | 4 | दूध आपके दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है, यह एसिड रश को कम करेगा, और दूध के पोषक तत्व खाली पेट बेहतर तरीके से अवशोषित होंगे। |
भीगे हुए बादाम (6-10 पीस) | 100 | 8 | यह प्रोटीन और ओमेगा 3 एसिड का अच्छा स्रोत है |
1 tsp अलसी के बीज/सूरजमुखी के बीज | – | – | ओमेगा 3 मिक्स |
२ चम्मच अजवाइन | – | – | यह पाचन और स्तनपान में मदद करेगा |
सुबह का नाश्ता (9.00 Am) |
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Broken wheat upama / Daliya with lots of veggiesगेहूँ का दलीया /उपमा (सब्जियों के साथ) | 150 | 4 | यह मां के दूध के जरिए बच्चे को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। माँ के विटामिन भंडार को फिर से भरने में मदद करता है। काजू दूध के उत्पादन में मदद करता है। |
दही 1 छोटी कटोरी
इच्छानुसार (सामान्य तापमान पर) |
75 | 4 | दही कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए और डी प्रदान करता है जो डिलीवरी से ठीक होने के दौरान बहुत फायदेमंद होता है। बस सुनिश्चित करें कि यह ताजा और कमरे के तापमान पर होना चाहिए। |
या | |||
अंडे का आमलेट(२ अंडे) | 160 | 10 | अंडे बनाने में आसान और प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। जो बच्चे के विकास में भी मदद करता है। |
टोस्टेड ब्राउन ब्रेड (2 स्लाइस) | 100 | 3 | – |
या | |||
किशमिश और बादाम के साथ ओट्स और सेब का दलिया (1 सूप वाला कटोरा) | 250 | 3 | सेब और ओट्स से उत्तम पोषण और फाइबर कान्स्टीपेशन से निपटने में मदद करता है। |
11.00 Am |
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सेब या अनार (1 मध्यम आकार) | 40 | – | फल खाने से शरीर में हाइड्रेशन और PH बैलेंस सही रहने से रक्त में वृद्धि होती है। |
12.00 Pm |
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नारियल पानी/अजवाईन पानी/हर्बल टी | 30 | – | कब्ज, धीमा पाचन, सीने में जलन, और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव। |
दोपहर का खाना (1.00 Pm) |
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चपाती / फुल्का (2) | 200 | 6 | – |
लाल मसूर / जीरा के साथ मसूर दाल | 150 | 6 | लाल मसूर दूध का उत्पादन बढ़ाकर स्तनपान के समय खास फायदेमंद। |
पालक पनीर (1 छोटी कटोरी) | 150 | 6 | पालक फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर होता है और माँ के दूध को बढ़ाता है। |
स्टर-फ्राइड परवल- (2)/ घिया/ तोरी 1 कटोरी | 60 | कच्चा सलाद पचने में मुश्किल हो सकता है, स्टर फ्राइ करने से परवल का स्वाद बेहतर होता है और जच्चा को फाइबर भी मिल जाता है। | |
सौंफ के बीज चबाएं | – | – | पाचन और ब्रेस्ट फीडिंग में मदद करता है। |
2.30 Pm |
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अजवायन का पानी (1 गिलास) | 40 | 1 | हाइड्रेशन बढ़ाकर जलन को कम करता है और हाजमा बढ़ाता है। |
4.30 Pm |
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दूध (1 गिलास) | 50 | 2 | – |
1 मिक्स लड्डू (नारियल बादाम और खसखस) | 150 | 4 | यह स्तनपान में मदद करता है। बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। खसखस सिर दर्द को दूर रखने में सक्षम है। खासकर अगर आपको माइग्रेन की समस्या है। |
6.00 Pm |
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सब्जी का सूप (लौकी, चुकंदर, गाजर, तोरू, 1/2 टमाटर) | 100 | 1 | खून की कमी को पूरा करने के लिए आवश्यक आयरन प्रदान करने में मदद करता है। तरल पदार्थ दूध के स्राव को बढ़ाने में मदद करते हैं। |
सूखे मेवे की चिक्की (गुड़ में बनी)(२ छोटे टुकड़े) | 50 | 2 | आयरन और प्रोटीन का अच्छा कॉमबीनेशन है। |
7.00 Pm |
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अजवायन का पानी | – | – | पाचन में मदद करता है |
रात का खाना (8.00 Pm) |
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2 फुल्का | 100 | 4 | – |
मूंग/मसूर दाल मेथी के पत्तों के साथ (1 कटोरी) | 100 | 4 | बच्चे के विकास और माँ की रिकवरी के लिए प्रोटीन और आयरन का अच्छा ग्रुप |
तोरू / परवल / लौकी की सब्जी (पकते समय थोड़ा दूध / पनीर डालें) | 100 | 2 | ये सब्जियां पाचन में आसान होती हैं और स्तनपान कराने में मदद करती हैं। |
सौंफ चबाएं | – | – | – |
घर पर ही 10-15 मिनट की सैर करें | – | – | – |
10.00 Pm |
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दूध (1 गिलास) | 150 | 4 | अच्छे पोषण के साथ-साथ सोते समय एक गिलास गर्म दूध रात को अच्छी नींद लेने में मदद करता है और स्तनपान में भी मदद करता है। |
10 भीगे बादाम | 100 | 8 | बच्चे के दिमाग के विकास और स्तनपान में मदद करता है |
TOTAL |
2155 | 78 |
Disclaimer:
ऊपर बताया गया लैकटेटिंग मदर्स डाइट चार्ट / Indian diet plan for Lactation in Hindi केवल reference के लिया दिया गया है। अगर इसमे बताए गई चीजों से आपको कोई दिक्कत होती है तो आप उन फूड आइटम्स की मात्रा कम कर दें। जब आप ऊपर बताए गए स्तनपान के लिए डाइट प्लान को फॉलो कर रहे हैं तो जरूरी है कि 45 मिनट की सैर अवश्य करें। इसके साथ ही आपको पता होना चाहिए कि दूध पिलाने वाली माँ को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
ब्रेस्ट फीड कराने वाली माँ को क्या खाना चाहिए / स्तनपान करने वाली माँ का आहार कैसा होना चाहिए?
जब एक माँ स्तनपान करा रही होती है तो उसे अपने भोजन में (Galactagogues) गैलेक्टगॉग फूड शामिल करने चाहिए। गैलेक्टगॉग ऐसे फूड आइटम है जो ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ावा देते हैं। समझने की बात यह है कि आपको ऐसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जो केवल पेट ना भरकर शरीर को ताकत दें और हीलिंग की प्रक्रिया को तेज करें। पहले के जमाने में माँ को खिचड़ी ज्यादा खिलाई जाती थी। लेकिन आजकल के मॉडर्न डॉक्टर डिलीवरी के दो-तीन दिन बाद ही नॉर्मल डाइट लेने की सलाह देते हैं। नीचे कुछ ऐसे फूड आइटम बताए जा रहे हैं जिन्हें दूध पिलाने वाली माँ के आहार चार्ट का हिस्सा होने चाहिए। Indian diet plan for Lactation in Hindi स्तनपान करने वाली माँ का आहार कैसा होना चाहिए? Breastfeeding diet chart in hindi. Indian diet plan for Lactation in Hindi
प्रोटीन
माताओं को 2 कारणों से खूब सारा प्रोटीन खाना चाहिए। एक तो बच्चे की ग्रोथ और विकास के लिए और दूसरा self –healing के लिए।
दूध पिलाने वाली माँ के लिए प्रोटीन फूड
- सोयाबीन, चिकन, ग्रिल्ड फिश और अंडे की सफेदी को डिलीवरी के 15 दिनों के बाद कम मसालेदार और ग्रिल्ड फॉर्म में शामिल करें।
- डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए एक चम्मच प्रोटीन पाउडर के साथ एक गिलास दूध पीने से भी प्रोटीन मिल सकता है। प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए दिन में 2 बार दूध लें।
- भीगे हुए बादाम (प्रति दिन 15 बादाम)।
- शाकाहारी महिलायें संतरी मसूर दाल को अधिक मात्रा में खा सकती हैं क्योंकि यह दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा प्रोटीन के लिए मूंग दाल, पनीर और चीज़ को भी शामिल कर सकते हैं।
- डिलीवरी के बाद पहले 2 महीनों में दही खाने से बचें। आप तीसरे महीने से दही खाना शुरू कर सकते हैं।
- काबुली चना और साबूत दालों का सेवन कम मात्रा में करें। प्रसव के 20 – 25 दिनों के बाद ही इन खाद्य पदार्थों को माँ की डाइट में शामिल करें।
- मसूर दाल गैस पैदा करने वाला खाद्य पदार्थ है, इसलिए नवजात शिशु के लिए पचने में भारी है। अगर आपको या आपके बच्चे को इसे हजम करने में परेशानी आती है तो इसे तुरंत ही छोड़ दें। जब बच्चा 3 महीने का हो जाए तो इसे फिर से शुरू कर सकते हैं।
तरल पदार्थ
स्तनपान कराने वाली मां को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना चाहिए क्योंकि यह दूध उत्पादन में मदद करता है। कम पानी या तरल पदार्थ पीने से dehydration हो सकता है जिससे माँ के शरीर में कम दूध बनेगा। (पढ़ें – चुकंदर के जूस के फायदे)
स्तनपान कराने वाली माँ के आहार में शामिल करने के लिए तरल खाद्य पदार्थ:
- पानी और नारियल पानी।
- पालक, लौकी, चुकन्दर और गाजर से बने वेजिटेबल सूप बहुत फायदेमंद होते हैं।
- रागी कांजी, छाछ (डिलीवरी के 1 महीने बाद) और दूध आदि अच्छे ऑप्शन हैं।
- दूध पिलाने से आधा घंटा पहले कोई भी लिक्विड पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है।
साबूत अनाज
ब्रेस्ट फ़ीड कराने वाली माँ के भोजन में बहुत सारे साबुत अनाज और साबुत अनाज से बनने वाली रेसिपी होनी चाहिए। क्योंकि ये अत्यधिक पौष्टिक और आसानी से पचने योग्य होते हैं।
स्तनपान कराने वाली माताओं के आहार में शामिल करने के लिए साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ:
- चोकर सहित गेहूं का आटा
- ओट्स और गेहूं का दलिया।
- ब्राउन राइस, किनुआ, रागी, Museli आदि।
विटामिन
भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल पाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन जरूरी है। इनसे बेहतर दूध उत्पादन और लेट डाउन रीफ्लैक्स में मदद मिलती है। बच्चे के पूर्ण विकास और माँ के सिस्टम को सामान्य रूप से काम करने के लिए विटामिन आवश्यक हैं।
स्तनपान कराने वाली मां के आहार में शामिल करने के लिए सब्जियां और हरी पत्तेदार खाद्य पदार्थ:
- पालक, dill और मेथी।
- कद्दू, लौकी, तुरई, परवल और टिंडा
- स्तनपान कराने वाली माँ और बढ़ते बच्चे के लिए गाजर और चुकंदर खास तौर से फायदेमंद होते हैं।
- प्रसव के 20 – 25 दिनों के बाद कम मात्रा में बीन्स को हरी सब्ज़ी के रूप में अपने आहार में शामिल किया जा सकता है।
- सेब, अनार, नाशपाती और पपीता जैसे फल विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट का भंडार हैं।
हर्बल टी
स्तनपान के लिए उपयुक्त किसी भी सामग्री से बनी हर्बल टी माँ के लिए सुरक्षित है। हर्बल टी पीने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कैफीन नहीं होती। आप बाज़ार से तैयार हर्बल मिश्रण खरीद सकते हैं या घर पर खुद ही बना सकते हैं।
होममेड हर्बल इन्फ्यूजन के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री:
अजवायन या गोंद कतीरा – बच्चे के जन्म के तुरंत बाद पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए अजवाइन का पानी फायदेमंद होता है। यह माँ को फैट कम करने और नसों में जमे हुए खून को आसानी से साफ करने में भी मदद करता है।
पुदीने के पत्ते / लौंग या सौंफ – इन्हें हर्बल टी के रूप में लेने से milk production बढ़ती है।
लेमनग्रास और अदरक – अदरक डिलीवरी के बाद महिलाओं को जल्दी ठीक करने और पेन किलर के रूप में काम करता है।
आयरन और कैल्शियम
अगर आप डिलीवरी के बाद आयरन और कैल्शियम की दवाई लेना बंद करना चाहती हैं तो आयरन और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ भोजन में अवश्य शामिल करें। प्रसव के दौरान माँ का बहुत सारा खून बह जाता है और उसे जल्दी ही उसकी पूर्ति करनी होती है। बच्चे की स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए भी कैल्शियम की आवश्यकता होती है। माँ को भी कमर और पैरों में दर्द से बचने के लिए सही कैल्शियम की खुराक लेनी चाहिए।
स्तनपान कराने वाली माताओं के आहार में आयरन भोजन के स्रोत:
- Non-Vegetarian माँ चिकन और duck liver शामिल कर सकती है।
- पोर्क, लैम्ब और बीफ जैसे मांस।
- ऑयस्टर, सार्डिन, mussels और शेलफिश जैसे सी फूड।
- शाकाहारी औरतें लोबिया, और हरी मटर खा सकती हैं।
- गोभी, ब्रोकोली, kale, और शलगम के पत्ते।
- लोहे के बर्तन में पकाए गए भोजन से भी कुछ आयरन मिलेगा।
- पोहा और मुरमुरे भी अच्छे स्रोत हैं।
- चीनी को गुड़ से बदलने से भी फायदा मिल सकता है।
स्तनपान कराने वाली माताओं के आहार में कैल्शियम भोजन के स्रोत:
- दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे दही, पनीर और चीज़।
- नरम हड्डियों वाली मछलियाँ जैसे सैल्मन, एंकोवी (anchovies) और सार्डिन।
- पत्तेदार सब्जियां जैसे केल, सरसों का साग और शलगम के हरे पत्ते।
- रागी, तिल और राजगीरा।
गैलेक्टागोग्स:
गैलेक्टागॉग्स एक स्तनपान कराने वाली मां के भोजन का ज़रूरी हिस्सा हैं। ये दूध का उत्पादन बढ़ाकर बच्चे की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में कारगर हैं। इन्हें आसानी अपने दैनिक आहार में शामिल करके मां को दिया जा सकता है। हमने स्तनपान कराने वाली माँ के लिए डाइट चार्ट में इन गैलेक्टोगॉग्स को शामिल किया है।
गैलेक्टागॉग्स खाद्य पदार्थ के स्रोत :
- शतावरी, मेथी और सौंफ के बीज
- दूध,
- बादाम,
- ऑरेंज मसूर दाल,
- पालक,
- लहसुन,
- तिल और खसखस, और
- रागी और कांजी भी माँ के दूध को बढ़ाने में मदद करती है।
स्तनपान कराने वाली माँ को ये फूड नहीं खाने चाहिए ?
स्तनपान कराने वाली मां को अपना आहार ध्यान से चुनना चाहिए। उसे ऐसे फूड से परहेज करना चाहिए जो उसके खुद के लिए और बच्चे के लिए अच्छे नहीं होते हैं। यहां कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिन्हें स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भारतीय आहार योजना में शामिल नहीं किया गया है-
चटपटा और मसालेदार खाना
अधिक चटपटे और मसालेदार खाने से बच्चे को अपच और जलन हो सकती है। इससे परेशान होकर बच्चा रोएगा क्योंकि वह अपना दर्द बोल कर नहीं बता सकता।
अधिक तेल वाले खाद्य पदार्थ
बहुत अधिक तला हुआ और तेलयुक्त भोजन करने से बचें। तैलीय खाद्य पदार्थ भारी और पचने में कठिन होते हैं। स्तनपान कराने वाली मां के लिए खाना बनाते समय घी और तेल का इस्तेमाल कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि वह ज्यादा ऐक्टिविटी नहीं करती है और इससे उसका वजन और बॉडी फैट बढ़ सकता है। Best cooking oil.
पत्तेदार सब्जियां
फूलगोभी, ब्रोकली, पत्ता गोभी और शतावरी जैसी सब्जियां क्रूसिफेरस हैं। ये पचने में मुश्किल होती हैं और इससे शिशु को पेट का दर्द और गैस हो सकती है। राजमा, चना और सोयाबीन जैसी फलियों से भी पहले 2-3 महीनों के लिए परहेज करना चाहिए।
कार्बोनेटेड ड्रिंक ना पियें
माँ को अपनी प्यास बुझाने के लिए कार्बोनेटेड ड्रिंक पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि इनमें केवल आर्टिफ़िशियल शुगर और खाली कैलोरी होती है। पैकेज्ड जूस भी नुकसानदायक हैं। इसलिए पैकेज्ड जूस खरीदने के बजाय घर का बना ताजा जूस लेना बेहतर है।
कैफीनयुक्त पेय
अधिक कैफीन से बचें क्योंकि यह एक मूत्रवर्धक है और आपको केवल वॉशरूम में अधिक बार जाने के लिए उकसाएगा। ज़्यादा कैफीन से nausea और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है। अगर आप वाकई चाय पीना चाहते हैं, तो हर्बल टी ट्राई करें।
सिगरेट
सिगरेट पीने से शिशु का विकास धीमा हो सकता है। इसलिए जब तक बच्चे को दूध पिलाएं इससे बिल्कुल दूर रहें।
शराब
शराब में निकोटीन और टॉक्सिन्स होते हैं जो बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप स्तनपान के दौरान शराब पीने से बचें। यह रक्त के रास्ते आपके छाती के दूध में जा सकता है और इस प्रकार बच्चे पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
सही बात को सही साबित करने के लिए हार न मानना बहुत जरूरी है। कई बार आप महसूस करेंगे या परिवार के अन्य लोग आपको महसूस कराएंगे कि केवल आपका दूध बच्चे के लिए पर्याप्त नहीं है। बच्चा बार-बार फ़ीड भ मांग सकता है। वह चिड़चिड़ा भी हो सकता है। शिशु विज्ञान के अनुसार, हर बच्चे में महीने या 45 दिनों में कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। धैर्य रखें और स्तनपान न छोड़ें। कई महिलायें इस अवस्था से जूझते हुए परेशान होकर बच्चे को अपना दूध पिलाना छोड़ देती हैं। लेकिन स्तनपान के लिए डाइट प्लान आपको nutrition के साथ ऐसी स्थितियों में आसानी से शांत रहने में मदद करेगा।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय
अंत में
स्तनपान कराने वाली माँ को हर कुछ घंटों में कुछ न कुछ खाना चाहिए और कुछ हुलके-फुल्के व्यायाम भी अपनी दिनचर्या में शामिल करने चाहिए। हर बच्चा अलग होता है और कुछ बच्चों को दूसरों की तुलना में अधिक बार खिलाने की आवश्यकता होती है। यदि माँ किसी भी भोजन को पचा नहीं पा रही है या बच्चा अत्यधिक रोता है, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहतर है। मुझे उम्मीद है कि स्तनपान कराने वाली माँ की आहार योजना / Indian diet plan for Lactation in Hindi आपके लिए मददगार साबित होगी। हैप्पी ब्रेस्टफीडिंग!
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