प्रेगनेंसी अपने साथ बहुत सी नई फीलिंग और इमोशन लाती है। गर्भ धारण करते ही आपको सैकड़ों लोग मिल जाते हैं, जो आपको यह राय देंगे कि प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए। जिसकी वजह से और ज्यादा confusion हो जाती है। यहाँ पर बताया जाने वाला इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रेगनेंसी इन सभी doubts को दूर करने में मदद करेगा। जिससे मां और बच्चे दोनों को सही पोषण मिल सके। Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi / Pregnancy Diet in Hindi.
एक महिला जो अपनी प्रेगनेंसी की शुरुआत ऐसे शरीर से करती है जिसमें पोषक तत्वों की कोई कमी नहीं है, ऐसे शरीर के अंदर पल रहे बच्चे को भी पोषण की कमी नहीं होती। ऐसी स्थिति में माँ के शरीर में कोई कमी हुए बिना ही शिशु का अच्छा विकास हो जाता है। पोषित माँ को डिलीवरी के समय भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता और वह बेहतर तरीके से स्तनपान भी करा पाती है। इसलिए नीचे बताए गए फूड आइटम्स को उसी वक्त खाना शुरू कर दें जब आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान भोजन में संतुलन बना रहना सबसे जरूरी है। इसलिए स्मार्ट पोषण को चुनकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि माँ और बच्चे को सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति हो रही है। गर्भावस्था के लिए इंडियन डाइट प्लान को देखने से पहले हम उन फूड आइटम्स के बारे में बात करेंगे जिनका उपयोग मैंने इस डाइट प्लान फॉर प्रेगनेंसी को बनाने में किया है। यहाँ पर मैंने उनसे मिलने वाले न्यूट्रिशन को विस्तार से समझाया है ताकि आपको कोई भी शंका ना रहे।
Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi / Pregnancy Diet in Hindi
प्रेगनेंसी के लिए इंडियन डाइट प्लान / Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi (खाद्य पदार्थों की लिस्ट)
मुर्गी, मांस, मछली, अंडे और नट्स
ये सभी खाद्य पदार्थ प्रोटीन, आयरन और जिंक प्रदान करते हैं। प्रेगनेंसी शुरू होते ही शरीर में प्रोटीन की मांग बढ़ जाती है। वैसे एक adult महिला के लिए प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से 1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान 15 ग्राम / प्रतिदिन एक्स्ट्रा प्रोटीन भोजन में शामिल कर देना चाहिए।
दूध, दही, पनीर
इस ग्रुप में आने वाले सभी खाद्य पदार्थ शरीर को मुख्य रूप से प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन देते हैं। दुग्ध उत्पाद कैल्शियम के सबसे अच्छे स्रोत माने जाते हैं। वैसे भी, प्रेगनेंसी में शरीर को कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है। अगर आप इस समय वजन बढ़ने के लिए चिंतित हैं तो लो फैट डेयरी उत्पाद अपना सकते हैं। cheese, दूध और पनीर प्रेग्नेंसी के समय खाए जाने वाले सबसे उत्तम खाद्य पदार्थ हैं।
फल
फलों से एक गर्भवती महिला को उत्तम क्वालिटी का विटामिन A, C, पोटैशियम और फाइबर मिलता है। संतरा, ग्रेपफ्रूट, खरबूजा – तरबूज और berries विटामिन C के अच्छे स्रोत हैं। गर्भावस्था में फलों की दो से तीन सर्विंग खाने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। ताज़े फलों को नाश्ते में काटकर या जूस के रूप में ले सकते हैं, दोपहर में खाने के बीच में स्नैक के तौर पर सूखे मेवे खा सकते हैं। वैराईटी करने के लिए दोपहर के खाने में फ्रूट सलाद को शामिल कर सकते हैं। रात के समय फलों को पकाकर कोई मीठी रेसिपी बना सकते हैं।
सब्ज़ियाँ
एक प्रेग्नेंट औरत को हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ और सलाद के रूप में कच्ची सब्ज़ियाँ खाना जरूरी है। इनमें पालक, गाजर, शकरकंद, मक्की, मटर और आलू शामिल हैं। सब्जियों में विटामिन A और विटामिन C, folate, आयरन और मैग्नीशियम होता है। अतिरिक्त फायदे के तौर पर इनमें फैट ना के बराबर और फाइबर अधिक होता है जो बड़ी आँत में कब्ज बनने से रोकता है।
रोटी, अनाज, चावल और पास्ता
यह ग्रुप विटामिन, खनिज, और फाइबर के साथ कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट भी प्रदान करता है। ये सभी के लिए ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं। गर्भवती महिलाओं को इस ग्रुप से 1 दिन में 6- 11 सर्विंग की आवश्यकता होती है। अनाज से उच्च प्रोटीन भी मिलता है जो माँ और शिशु के शरीर में cells का निर्माण और मरम्मत का काम करते हैं। कई अनाज विटामिन B और आयरन से भरपूर होते हैं।
फैट, तेल और मिठाई
इन्हें खाते हुए जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि स्वादिष्ट होने के कारण अक्सर ज्यादा खाने का मन करता है। इनमें कैलोरी बहुत अधिक होती है, लेकिन कुछ विटामिन व मिनरल्स भी होते हैं। परन्तु, इन्हें एक लिमिट में ही खाएं। यह ग्रुप पूरे दिन की कैलोरी का 30% से अधिक नहीं होना चाहिए। इसलिए लो फैट खाद्य पदार्थों को चुनने की कोशिश करें।
आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
भारतीय महिलाओं में अक्सर खून की कमी पाई जाती है। यह कमी अनुचित आहार, पीरियड में अधिक खून जाने से या पिछली प्रेगनेंसी के कारण हो सकती है। गर्भवती महिला HB के लेवल को बढ़ाने के लिए भोजन में माँस, किशमिश, बीन्स, आलूबुखारे, सोया प्रोडक्ट और पालक को शामिल करें। आहार विशेषज्ञों का कहना है कि मनुष्य का शरीर आयरन को तभी अवशोषित कर पाता है जब उसे विटामिन C युक्त भोजन के साथ खाया जाए। शाकाहारी भोजन में विटामिन C ज्यादातर खट्टे फलों, आलू और ब्रोकली में पाया जाता है।
फोलिक एसिड
गर्भावस्था एक महिला की Folate की आवश्यकता को बढ़ाकर दोगुना कर देती है। रिसर्च से पता चला है कि गर्भधारण के पहले और बाद के कुछ हफ्तों तक फॉलिक ऐसिड के सप्लिमेंट्स लेने से शिशु में न्यूरल ट्यूब दोषों को पनपने से रोका जा सकता है। फॉलिक ऐसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में लीवर और गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।
ऊपर बताए गए फूड ग्रुप और फूड आइटम्स को ध्यान में रखते हुए मैंने यहां 1 दिन का सैंपल इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रेगनेंसी डिजाइन किया है। चलिए इस प्रेगनेंसी इंडियन डाइट प्लान को देखते हैं। इसे भी पढ़ें How to Gain Weight during Pregnancy
प्रेगनेंसी डाइट प्लान इन हिन्दी Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi
फ़ूड आइटम | कैलोरी (KCAL) | प्रोटीन (GMS ) | पोषण-तथ्य |
सुबह : (7.00 Am) |
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गुलाब का दूध (Rose Milk ) (1 गिलास) | 150 | 4 | दूध दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है, यह पेट में आए acid rush को शांत करेगा। दूध के पोषक तत्व खाली पेट बेहतर तरीके से अवशोषित होंगे। |
आटा रस्क (2 पीस) | 50 | 2 | सुबह के समय ड्राई कार्ब्स मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। |
भीगे बादाम (6 पीस) | 50 | 4 | यह प्रोटीन और ओमेगा 3 एसिड का अच्छा स्रोत है। |
खजूर (2 पीस) | 25 | 1 | यह ब्लड वॉल्यूम को बढ़ाकर रक्त के PH बैलेंस को बनाए रखता है। |
नाश्ता (सुबह 9.00 बजे) |
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गाजर का भरवां परांठा (2 मध्यम आकार) |
200 | 6 | गाजर शरीर में फाइबर की पूर्ति करती है, गर्भावस्था के दौरान माँ को त्वचा और पाचन की समस्या से दूर रखती है। जन्म के समय बच्चे को पीलिया होने के जोखिम को कम करती है। |
दही (1 मीडियम कटोरी) | 75 | 4 | दही गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन A और D प्रदान करता है, और आपके मूड को अच्छा रखता है। |
या | |||
अंडे का आमलेट (2) | 160 | 10 | अंडे पकाने में आसान और प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं। |
टोस्टेड ब्राउन ब्रेड (2 स्लाइस) | 100 | 3 | सुबह के समय ड्राई कार्ब्स मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। |
या | |||
वेजीटेबल ओट्स उपमा (1 सूप कटोरी) | 250 | 3 | सब्जियों से मिलने वाले मल्टी नयूट्रिशन और फाइबर कब्ज से निपटने में सहायक हैं। |
11.00 Am | |||
सेब/संतरा/अनार (1 मध्यम आकार) | 40 | – | फल खाने से शरीर में हाइड्रेशन और PH बैलेंस सही रहने से रक्त में वृद्धि होती है। |
12.00 pm | |||
नारियल पानी/नींबू पानी (1 गिलास) | 30 | – | गर्भावस्था के दौरान कब्ज, सुस्त पाचन, सीने में जलन, और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव। |
दोपहर का खाना (1.30 Pm) |
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चपाती / फुल्का (2 ) | 200 | 6 | – |
दाल तड़का / फिश करी (1 सूप कटोरा) | 150 | 6 | मछली बच्चे के विकास के लिए PUFA और MUFA जैसे पोषक तत्व और अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन पाने में मदद करती है। |
पालक पनीर (1 छोटी कटोरी)) | 150 | 6 | पालक फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर होता है और स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करता है। |
लेमन राइस (1 छोटी कटोरी) | 100 | 2 | नींबू में मौजूद विटामिन सी गर्भावस्था के दौरान शरीर में निकलने वाले कचरे को बाहर करने में मदद करता है। |
कटे टमाटर (2 मध्यम आकार) | 40 | – | एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन मेटाबॉलिक वेस्ट को संभालता है। |
2.30 pm | |||
छाछ (1 गिलास) | 40 | 1 | हाइड्रेशन बढ़ाकर एसिडिटी से होने वाली जलन को कम करता है। |
4.30 pm |
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चाय (1 कप) | 50 | 2 | – |
चीज़ चिली टोस्ट (2 स्लाइस) | 150 | 4 | चीज़ में बढ़िया कैल्शियम और प्रोटीन होता है जो बच्चे के विकास में मदद करता है। यह सॉफ्ट मल के निर्माण में भी मदद करता है, जिससे कब्ज दूर रहती है। |
6.00 pm | |||
भुना हुआ चना (मुट्ठी भर) | 50 | 1 | हीमोग्लोबिन के बनने के लिए अच्छा प्रोटीन और आयरन |
गुड़ (छोटे टुकड़े -15 ग्राम) | 25 | – | इससे मिलने वाला आयरन रक्त की मात्रा बढ़ाने के साथ हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है। |
या | |||
सूखे मेवे की चिक्की (गुड़ में बनी) (4 छोटे टुकड़े) | 100 | 2 | आयरन और प्रोटीन का अच्छा कॉम्बिनेशन है. |
7.30 pm | |||
सब्जी का सूप / चिकन सूप (1 सूप का कटोरा) | 125 | 2 | —– |
रात का खाना (8.00 Pm) |
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ज्वार/बाजरे की रोटी घी के साथ (1 छोटा चम्मच) (2 मध्यम आकार) | 200 | 6 | ये अनाज पचाने में आसान होते हैं और सिस्टम पर बोझ नहीं डालते हैं। |
मूंग दाल और मेथी की सब्जी (1 कटोरी) | 150 | 4 | बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन और आयरन का अच्छा कॉम्बिनेशन |
कढ़ी/आलू की ग्रेवी (1 कटोरी) | 150 | 3 | — |
गुड़ (2 चम्मच) | 25 | इसकी लौह सामग्री रक्त की मात्रा बढ़ाने के साथ हीमोग्लोबिन बढ़ाने में भी मदद करती है। | |
कोशिमबीर / सलाद (1 कटोरी) | 50 | 2 | फाइबर बेहतर पाचन में मदद करता है |
चुकंदर + गाजर की खीर (1 कटोरी) | 150 | 6 | चुकंदर और गाजर हीमोग्लोबिन बढ़ाते हैं और विटामिन A और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं। |
10.00 pm |
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दूध (1 गिलास) | 150 | 4 | अच्छे पोषण के साथ-साथ सोते समय एक गिलास गर्म दूध रात को अच्छी नींद लेने में मदद करता है। |
खजूर (2 पीस) | 25 | 1 | यह ब्लड वॉल्यूम को बढ़ाकर रक्त के PH बैलेंस को बनाए रखता है। |
TOTAL | 2600 | 77 |
प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान ई- बुक
अब आप प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान ई- बुक के माध्यम से भी पढ़ सकते हैं। यह एक E-Book है, जिसमें प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान विस्तार से और प्रैक्टिकल तरीके से बताए गए हैं। इसमे गर्भावस्था के सभी 3 ट्राइमेस्टर के लिए आहार प्लान बताये गए हैं। This Ebook is in English.
इसमें सिंपल टिप्स के द्वारा बताया जाएगा कि जैसे – जैसे ट्राइमेस्टर बढ़ेगा तो आपके भोजन में क्या बदलाव होना चाहिए। हमने हर ट्राइमेस्टर के 1 सप्ताह के लिए पूरे दिन का सैंपल डाइट प्लान दिया है। यह सभी डाइट प्लान आप को जरूरी माइक्रो और मैक्रोन्यूट्रिएंट प्रदान करते हैं। जो मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है। डाइट प्लान के साथ ही आपको सभी न्यूट्रिएंट्स की सही कैलकुलेशन भी वहां पर मिल जाएगी।
अंत में
यहां पर बताए गए Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi को बनाते हुए मैंने यह ध्यान में रखा कि आप को जो भी चीजें खाने के लिए बताई जा रहे हैं उनसे संबंधित सभी जरूरी फैक्ट भी बताए जाएँ। इन फूड आइटम के फायदे पता लगने के बाद प्रेगनेंसी के लिए डाइट चार्ट को आप अधिक मन लगाकर फॉलो कर पाएंगे।
ऊपर बताया गया एक साधारण आहार योजना है और किसी भी महिला के द्वारा अपनाया किया जा सकता है। लेकिन यह Indian Diet Plan for Pregnancy in Hindi शायद कुछ लोगों को अनुकूल ना आए, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर किसी खाद्य पदार्थ पर अलग – अलग प्रतिक्रिया करता है। ऊपर बताया गया प्रेगनेंसी डाइट प्लान इन हिन्दी वे महिलाएँ फॉलो कर सकती हैं जिन्हें कोई फूड एलर्जी नहीं है। अगर आपको किसी खास वस्तु से एलर्जी है या प्रेगनेंसी से संबंधित कोई मेडिकल परेशानी है तो आप personalized diet chart बनवा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल Frequently asked Questions
Q1 हेल्दी फूड खाने के बावजूद भी प्रेगनेंसी में विटामिन और सप्लिमेंट्स की जरूरत क्यों हैं?
A1 डॉक्टरी जाँच में महिला के शरीर में जिस विटामिन या मिनेरल की कमी आती है उसे दूर करने के लिए हेल्दी फूड के साथ सप्लिमेंट्स लेना जरूरी हैं क्योंकि प्रेगनेंसी में शरीर की जरूरतें बढ़ जाती हैं जो केवल भोजन से पूरी नहीं हो पाती।
Q2 प्रेगनेंसी में एक दिन में कितनी कैलोरी खानी चाहिए?
A2 वैसे तो यह हर महिला की उम्र, वज़न, शारीरिक जरूरत, ऐक्टिविटी लेवल, और medical history पर निर्भर करता है, परंतु शिशु के विकास को ध्यान में रखते हुए आप प्रतिदिन 300-500 कैलोरी एक्स्ट्रा खा सकती हैं। डायबिटीज, हाई या लो ब्लड प्रेशर, थाइरॉइड इत्यादि होने पर पर्सनल डाइट प्लान बनवाने के लिए Diet Care पर संपर्क करें।
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