योग-प्राणायाम करना और दादी मां के समय की पुरानी रेसिपी बनाना आजकल एक फैशन बन गया है। लेकिन हमें यह पता होना चाहिए कि यह कई सदियों से हमारी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। योग और सादा भोजन को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। क्या आप जानते हैं कि नियमित रूप से योग करने और सात्विक भोजन खाने से मुश्किल से मुश्किल समय में भी हम अपने मन को शांत रख सकते हैं। इसी फॉर्मूले को अपनाकर पुराने समय के लोग परेशानियों के बावजूद भी डिप्रेशन का शिकार नहीं होते थे। वे एक हेल्दी और शांतिपूर्ण जीवन जीते थे। इसलिए आज हम आपको एक ऐसा सात्विक डाइइट प्लान बता रहे हैं जो वजन घटाने के साथ-साथ स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। Indian Sattvik diet plan in hindi.
आयुर्वेद में भोजन को 3 मुख्य भागों में बांटा गया है- सात्विक, राजसिक, और तामसिक। हम जो भी खाते हैं वह हमारे शरीर और व्यवहार में पूरी तरह झलकता है। विद्वानों ने कहा है- “जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन, जैसा पियोगे पानी जैसी होगी वाणी”।
आयुर्वेद भोजन पद्धति से संबंधित कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
सात्विक – पवित्रता, स्वास्थ्य, शांत मन,
राजसिक – टेंशन, गुस्सा, जल्दबाज़ी और बेचैनी।
तामसिक – चमक-रहित, आलस, थकावट, झगड़ालू
छान्दोग्य उपनिषद में बताया गया है- ‘आहार शुद्धौ सत्त्व शुद्धि:’ इसका मतलब है शुद्ध भोजन खाने से हमारा मन भी पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है, क्योंकि भोजन का स्वाद तो जीभ महसूस करती है लेकिन उसका प्रभाव शरीर और मन दोनों पर पड़ता है। हम यहां यह नहीं कह रहे कि किसी व्यक्ति को केवल एक ही तरह का भोजन करना चाहिए। मनुष्य के शरीर में तीनों ही गुणों की अपनी-अपनी एक विशिष्ट मात्रा की आवश्यकता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए तीनों ही गुणों का बैलेंस में रहना बहुत जरूरी है।
- तमस गुण आराम और नींद को कंट्रोल करता है
- रजस आपको उत्साही बनाकर जीवन में लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करता है
- सत्व गुण तन और मन को निरोग रखकर बीमारियों से बचा सकता है
तीनों ही गुणों को किस तरह से अपने शरीर में सही प्रकार से adjust करने के लिए आपको किसी सर्टिफाइड डायटिशियन से शरीर के हिसाब से डाइट चार्ट बनवाना चाहिए।
राजसिक डाइट
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह स्वाद से भरपूर होती है और मुंह में रखते ही आपकी जीभ और पूरा शरीर खुशी से झूम उठता है। इसमें तेज खुशबू वाले मसाले, प्याज, लहसुन आदि भरपूर मात्रा में होते हैं। इस तरह के सभी फूड आइटम आपको खाली कैलोरी देते हैं जिसका मतलब है ये आपको कोई भी न्यूट्रिएंट्स प्रदान नहीं करते। वेदों के अनुसार ज्यादा राजसिक भोजन आपके पाचन तंत्र को कमजोर बना सकता है। इसमें ज्यादातर गहरा तला हुआ भोजन, रिफाइंड फूड, कॉफी, चाय, मिठाईयां और जितने भी आरामदायक भोजन है वे सभी शामिल हैं।
तामसिक डाइट
तामसिक डाइट प्रकृति से मेल नहीं खाती; इसमें बासी भोजन, केमिकल युक्त भोजन, और मांसाहारी भोजन शामिल है। इसके अलावा शराब और सिगरेट भी तामसिक डाइट में ही गिनी जाती है। इस केटेगरी के सभी खाद्य पदार्थ लंबे समय में आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इन्हें हर रोज़ खाने से मोटापा, डायबिटीज, थायराइड, और विभिन्न तरह के कैंसर जैसे रोग भी हो सकते हैं। लंबे समय तक तामसिक भोजन खाते रहने से इंसान आलसी और अनप्रॉडक्टिव हो जाता है और काम से जी चुरा लगता है।
सात्विक डाइट/ Sattvik diet
यह एक प्लांट बेस्ड आहार है जिसमें अधिक फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के साथ भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल भी है। सात्विक आहार शारीरिक और मानसिक सेहत के साथ-साथ लंबी आयु का भी वादा करता है। इसमें सभी मौसमी फल और सब्जी, साबुत अनाज, दालें, स्प्राउट्स, नट्स, तथा दूध से बने पदार्थ आते हैं। योग वेद का कहना है कि सात्विक भोजन व्यक्ति को शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलन में रखता है।
सात्विक भोजन खाने वाले लोग शांत, स्वस्थ, फुर्तीले, उपयोगी और रचनात्मक होते हैं। सात्विक भोजन में प्याज, लहसुन, मिर्ची और केमिकल से पूरी तरह परहेज है। इसलिए छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी सात्विक आहार बिना किसी दिक्कत के खा सकते हैं। सात्विक भोजन केवल खाने में ही नहीं बल्कि बनाने में भी उतना ही आसान है। बस भोजन को प्यार और शांत मन से पकाने की जरूरत है। ऐसा माना जाता है कि भोजन पकाते हुए कि भोजन पकाने वाले के मन में जिस तरह के विचार होते हैं वैसे ही उर्जा भोजन में आती है।
इंडियन सात्विक आहार / Indian Sattvik diet plan in Hindi (सात्विक डाइट)
Sattvik diet/ सात्विक डाइट प्लान के फायदे :
वेट लॉस
सात्विक आहार में साबुत फल, सब्जियां और अनाज शामिल है जिनमें फाइबर अधिक और कैलोरी कम होती है। अधिक फाइबर की वजह से पेट लंबे समय तक भरा रहता है जिससे वजन कम करना आसान है। सात्विक आहार में मौजूद विटामिन और मिनरल्स की प्रचुर मात्रा मेटाबॉलिज्म को तेज करके फैट को शरीर में सही तरह से हजम होने में भी मदद करती है।
बीमारियों से बचाव
ज्यादा फाइबर वाला भोजन खाने से कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज, और फैट सभी नियंत्रण में रहते हैं। इसके अलावा इस में नमक की मात्रा कम होने से ब्लड प्रेशर पर भी दबाव नहीं बढ़ता। नैचुरल विटामिन और मिनरल शरीर में कैंसर को पनपने नहीं देते।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
सात्विक भोजन पौष्टिकता से भरपूर है। इस भोजन में सबसे अधिक मात्रा में प्राकृतिक प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
Sattvik diet/ सात्विक डाइट प्लान के लिए फूड लिस्ट
साबुत अनाज: साबुत गेहूं का आटा, दलिया, जई, किनुआ, बासमती चावल, जौ, बाजरा, साबुत गेहूं का पास्ता और नूडल्स।
दालें और फलियां: बीन्स, हरी दाल, दाल, मटर, छोले और अंकुरित अनाज।
नट्स: बादाम, अखरोट, पिस्ता, हेज़लनट्स, काजू, ब्राज़ील नट्स, नारियल और कद्दू के बीज। सूरजमुखी के बीज, तिल के बीज, अलसी के बीज और चिया के बीज।
तेल: जैतून का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल, अलसी का तेल और घी।
डेयरी प्रॉडक्ट: दूध, दही, पनीर, पनीर।
नॉन-डेयरी प्रॉडक्ट: बादाम का दूध, नारियल का दूध, काजू का दूध, अखरोट और सोया पनीर(टोफू)।
फल: सेब, केला, पपीता, चेरी, खरबूजे, आड़ू, अमरूद, ताजे फलों का रस, जामुन, ड्रैगन फ्रूट, अंगूर, आलूबुखारा, अंगूर, लीची, आम और अनानास, आलूबुखारा, अनार, खुमानी, और मीठी कीनू।
पेय पदार्थ: ग्रीन टी, ताजे फलों का रस, सब्जियों का सूप और जूस।
सब्जियां: हरी सब्जियां, सलाद, मौसमी सब्जियां, चुकंदर, करेला, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, साथ ही गाजर, फूलगोभी, अजवाइन, मक्का, तोरी और खीरे, हरी बीन्स, कमल की जड़, भिंडी, आलू, शकरकंद, शलजम (मीठा) और साथ ही यम।
अन्य: शहद, गुड़, मेपल सिरप और कच्चा गन्ना, जलकुंभी, ताजा वसाबी, गुलाब की पंखुड़ियां, लैवेंडर के फूल और ताजा नारियल पानी।
Sattvik diet/ सात्विक डाइट प्लान में परहेज :
मांसाहारी खाद्य पदार्थ: पोल्ट्री, अंडे, मछली, बीफ, या कोई भी पशु-आधारित जिलेटिन।
जंक फूड्स: हाई फैट चीज़, तले हुए खाद्य पदार्थ, साथ ही अधिक मलाई वाले पकवान
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: परिरक्षकों में उच्च पैक खाद्य पदार्थ, नाश्ता अनाज, खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ और अचार।
रिफाइंड फूड्स: रिफाइंड आटा, रिफाइंड शुगर, प्रोसेस्ड शुगर और बेकरी उत्पाद।
पेय पदार्थ: सुगन्धित स्पोर्ट्स ड्रिंक, कॉफी, चाय, साथ ही शराब।
जड़ वाली सब्जियां: प्याज, शल्क, साथ ही लहसुन।
इंडियन सात्विक डाइट प्लान इन हिन्दी (Indian Sattvic Diet Plan for Weight Loss):
सुबह का नाश्ता (Breakfast) | 1 कप अदरक और हल्दी का दूध + 3-4 पीस ढोकला + 2 tbsp हरी चटनी
या
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मिड मॉर्निंग (Mid-Morning) | 1 फल + 1 कप lemongrass ग्रीन टी |
दोपहर का खाना (Lunch) | 1 कप सलाद + 2 चपाती + ½ कप ब्राउन राइस/ उबला हुआ किनुआ + 1 कप दाल + 1 कप सब्ज़ी + 1 गिलास लस्सी
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स्नैक्स (Snacks) | 1 कप हल्दी का दूध + 1 मुट्ठी भुने हुए मखाने |
रात का खाना (Dinner) | 1 कप सलाद + ½ कप खिचड़ी या 2 छोटी बाजरा रोटी + 1 कप कढ़ी + 1 कप सब्ज़ी |
सोने से पहले (Bedtime) | 1 कप केसर का दूध |
अंत में
आयुर्वेद सात्विक आहार खाने की सलाह देता है क्योंकि यह नेचर के बहुत करीब है। जितना अधिक आप प्राकृतिक भोजन करेंगे उतने आप कम बीमार होंगे। इसलिए अधिक से अधिक ऑर्गैनिक तरीके से उगाया हुआ, जिसमें कम से कम प्रिजर्वेटिव हो और किसी भी तरीके के आर्टिफिशियल रंग और खुशबू के बिना बनाया हुआ भोजन ही सबसे अच्छा है। दूसरे शब्दों में कहें तो सिंपल तरीके से घर पर ही बनाया हुआ प्लांट बेस्ड फूड पूरी तरह से सात्विक आहार कहलाने के योग्य है और आपको दवाइयों से बचा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
Q 1. सात्विक भोजन बनाते समय किन बातों को ध्यान रखना चाहिए?
A 1. यह हमेशा ताजा, अच्छी तरह से पका हुआ और केमिकल रहित होना चाहिए।
Q 2. क्या सात्विक भोजन में दही खा सकते हैं?
A 2. इस आहार प्रणाली में घर पर ही नैचुरल तरीके से जमाया हुआ दही खा सकते हैं। पैकेट वाली चीजें पूरी तरह से वर्जित हैं।
Q3 सात्विक भोजन कैसे बनाएं?
A3 सात्विक खाना घर पर ही साधारण तरीके से बिना तले और भूने बनाया जाता है।
चांदोग्य नहीं छान्दोग्य उपनिषद होगा
yes 🙂