एक नवजात शिशु केवल तीन चीजें चाहता है – अपनी माँ का स्पर्श, उसका हर समय साथ और माँ का दूध। स्तनपान से ये तीनों ही इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा स्तनपान की क्रिया के दौरान माँ और बच्चे के बीच एक अटूट बंधन बन जाता है जिसकी वजह से माँ और बच्चे का जुड़ाव बाकी सब रिश्तों से अधिक होता है। इसलिए अपने बच्चे को स्तनपान कराना बहुत आवश्यक है। Maa ka Dudh Badhane ke Gharelu Upay/ breast milk badhane ke upay (ब्रेस्ट में मिल्क बढ़ाने के तरीके)
माँ और बच्चे के इस प्यारे से रिश्ते के कारण ही मातृत्व का सुख सभी औरतों की जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं, इसके साथ भी कुछ चिंताएं और उत्सुकता भी जुड़ी हुई है। अपने नए जन्मे बच्चे के स्वास्थ्य और विकास को लेकर माँ का चिंतित होना सामान्य है। क्या बच्चे को पूरा न्यूट्रिशन मिल रहा है? क्या केवल ब्रेस्ट मिल्क उसका पेट भरने के लिए पर्याप्त है? और सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल कि ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने के लिए क्या खायें? या ब्रेस्ट मिल्क कैसे बढ़ाएं? Maa ka Dudh Badhane ke Gharelu Upay/ breast milk badhane ke upay (ब्रेस्ट में मिल्क बढ़ाने के तरीके).
चिंता न करें! आपकी ही तरह ही सोचने वाली बहुत सी महिलाएं हैं। यदि ग्रोथ चार्ट के मुताबिक बच्चे का वजन बढ़ रहा है तो यह दर्शाता है कि आप को सही मात्रा में दूध बन रहा है। शुरुआती कुछ दिनों के लिए बच्चे का वजन कम होता है क्योंकि वह पानी का वजन होता है। लेकिन 14 दिनों के बाद बच्चे का वजन बढ़ कर अपने जन्म के भार के बराबर आ जाता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं बना पा रहा है तो आज हम आपको ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के कुछ घरेलू उपाय बताएंगे।
दूध बच्चे के लिए कम नहीं पड़ रहा है के लक्षण
अगर आप नीचे बताए गए लक्षण महसूस करते हैं तो इसका मतलब है कि आपका दूध बच्चे के लिए कम नहीं पड़ रहा –
- दर्द रहित ब्रेस्टफीडिंग
- दूध पिलाने के बाद छाती में हल्कापन महसूस करना
- बच्चे का दिन में 6 से 8 बार दूध पीना
- बच्चे का हर 2 से 3 घंटे बाद पेशाब करना
ब्रेस्ट मिल्क कम होने के कारण
इससे पहले कि हम ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के घरेलू उपाय देखें, आपको ब्रेस्ट मिल्क कम होने के कारण जान लेना बहुत जरूरी है ताकि उन कमियों को सुधारा जा सके:
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दूध की बोतल और पैसीफाइर का उपयोग
बोतल से दूध पिलाने से बच्चों की सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। जबकि चुसनी (pacifier) के अधिक प्रयोग से माँ और बच्चे का जुड़ाव कम हो सकता है। दोनों के ही अधिक प्रयोग से माँ के शरीर में दूध की प्रोडक्शन में कमी आ सकती है।
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सप्लीमेंट्स का प्रयोग
आपका शरीर बच्चे को भूख लगते ही दूध बनाने लगता है। परंतु बच्चे को माँ के दूध के स्थान पर सप्लीमेंट्स देने की स्थिति में शरीर में दूध का बनना अपने आप कम हो जाता है।
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निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करना
छाती के निप्पल पर रोक लगाने से निप्पलों के उत्तेजित होने और दूध के ट्रांसफर में कमी पैदा हो सकती है। जिससे माँ कम दूध उत्पादित करती है।
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समय से पहले दूध छुड़ा लेना
जब आप बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देते हैं तो धीरे-धीरे छाती में दूध बनना स्वतः ही बंद हो जाएगा।
- माँ का स्वास्थ्य
यदि माँ पहले से ब्रेस्ट की सर्जरी, एनीमिया, थायराइड, पीसीओडी जैसी किसी बीमारी के लिए दवाइयां ले रही है तो इन दवाइयों का साइड इफेक्ट माँ के दूध उत्पादन को कम कर सकता है। इसी प्रकार सिगरेट और शराब पीने से भी ब्रेस्ट मिल्क कम हो सकता है।
Maa ka Dudh Badhane ke Gharelu Upay/ breast milk badhane ke upay (ब्रेस्ट में मिल्क बढ़ाने के तरीके)
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए क्या खायें ? Maa ka Dudh Badhane ke Gharelu Upay/ breast milk badhane ke upay (ब्रेस्ट में मिल्क बढ़ाने के तरीके)
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शतावरी
शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो माताओं में दूध बढ़ाने के लिए पुराने समय से उपयोग की जा रही है। एक चम्मच शतावरी का पाउडर दूध या पानी में मिलाकर दिन में 1 से 2 बार ले सकते हैं।
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मेथी दाना
हमारी रसोई घर में मौजूद मेथी दाना स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए उपयोगी है। भिगोया हुआ या अंकुरित मेथी दाना दिन में एक बार खाएं या फिर आप मेथी दाने का पाउडर भी अपने भोजन में मिला सकते हैं।
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सौंफ
भोजन के बाद सौंफ के सेवन से भी ब्रेस्टमिल्क में बढ़ोतरी होती है। इसके अतिरिक्त यह माँ और शिशु के पेट में होने वाली गैस से भी निजात दिलाती है। सौंफ की चाय बनाकर पियें या भोजन में ऊपर से डालें।
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गोंद
भारत में माँ के दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इनग्रेडिएंट है गोंद। इसे किसी भी दूध की रेसिपी में मिलाकर, पानी में उबालकर या फिर गोंद लड्डू बनाकर खाते हैं। Gond Katira on Health, Gond katra ke faayde
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लहसुन
लहसुन लेक्टेशन में मदद करता है। किसी भी सब्ज़ी में लहसुन का छोंक लगाकर खाएं।
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जौं
एक लीटर पानी में एक बड़ा चम्मच जौं उबालें और दिन भर इस पानी का सेवन करें। इससे माँ के स्तनों में अधिक दूध बनेगा।
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सैलमन
मछली में मौजूद ओमेगा 3 दूध में वृद्धि करता है। किन्तु इसे पकाने के तरीके पर अवश्य ध्यान दें। केवल सेहतमंद तरीके से ही पका कर खाएं। जैसे कि भाप में पकाकर, उबालकर या कम तेल के साथ ग्रिल करके।
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जीरा
इंडियन फूड में अधिकतर रेसिपी में जीरा डाला जाता है। जीरा पाचक होने के साथ-साथ स्तनपान कराने वाली माँ के दूध में भी वृद्धि करता है। आधा चम्मच भुना हुआ जीरा छाछ में मिलाकर पी सकते हैं, या फिर पानी में उबालकर जीरा वॉटर बनाकर पूरा दिन पी सकते हैं।
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तुलसी पत्ता
तुलसी के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण माँ का दूध बढ़ाते हैं और बच्चे और माँ की इम्युनिटी को भी बेहतर करते हैं।
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बादाम
बादाम में मौजूद ओमेगा 3 दुग्ध उत्पादन में मदद करता है। 10 भिगोए हुए बदाम सुबह-शाम दूध के साथ लें। इससे न केवल बच्चे को अधिक दूध मिलेगा बल्कि साथ ही उसे सभी तरह के अमीनो एसिड भी मिलेंगे, जो उसे बुद्धिमान बनाएंगे।
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खसखस
खसखस के औषधीय गुण माँ के हार्मोन को संतुलन में रखते हैं। बेहतर रिजल्ट पाने के लिए भुने हुए खसखस के दाने उपयोग खाएं। इन्हें गोंद के लड्डू में भी मिला सकते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय
ऊपर बताई गई बातों से अभी तक आप यह समझ ही चुके होंगे कि दूध की प्रोडक्शन माँग और पूर्ति पर निर्भर करती है। सही खानपान के अलावा नीचे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के घरेलू उपाय बताए जा रहे हैं, उन्हें अपना कर देखें|
- बच्चे को दूध पिलाते समय स्तन को बदलते रहें। इससे दूध का अधिक उत्पादन होगा और आपके स्तनों का आकार भी संतुलित रहेगा।
- बोतल और पैसीफायर का उपयोग ना करें। चूसने के लिए बच्चे को केवल माँ के स्तन ही देने चाहिए। अगर उससे बच्चे का पेट नहीं भरता है तो चम्मच या ड्रॉपर का उपयोग करें।
- एक झटके में दूध ना छुड़ाएं। शुरू के 6 महीने तक बच्चे को कोई अन्य भोज्य पदार्थ (पानी भी) देने की जरूरत नहीं होती। केवल माँ का दूध उसके लिए पर्याप्त है। 6 महीने के बाद धीरे-धीरे दूध पिलाना कम करें, एकदम से ना छोड़ें। वैसे 2 साल की उम्र होने तक आप बच्चे को माँ का दूध पिला सकते हैं।
Maa ka Dudh Badhane ke Gharelu Upay
- उचित आराम करें। आराम करने से माँ के हार्मोन संतुलन में रहते हैं और स्तनों पर या शरीर के अन्य अंगों पर तनाव नहीं बनता। जब बच्चा सोए तो आप भी सो जाएं।
- सही साइज की ब्रा पहनें। डिलीवरी के बाद आपकी छाती का आकार बढ़ने से ब्रा का साइज भी बढ़ जाता है। पहले वाली टाइट ब्रा पहनने से दूध का उत्पादन कम हो सकता है।
- ब्रेस्ट की हल्की मालिश करने से दूध का बहाव सही और सुगम होता है।
- स्तनपान कराते वक्त माँ और बच्चे की त्वचा का आपस में स्पर्श होने से बच्चा अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। पर ध्यान रहे कि दोनों को सर्दी से बचाने के लिए माँ बच्चे को और स्वयं को कपड़े से भलीभांति ढक ले।
- खाने में मौजूद गैलेक्टगॉग एक जड़ी बूटी और दवाई की तरह ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने का काम करता है।
- यदि आपका बच्चा अभी तक माँ के स्तनों से दूध चूसना नहीं सीख पाया है या उसे दूध पीने में परेशानी होती है तो माँ पंप का इस्तेमाल कर सकती है। इससे आपके स्तनों में अधिक दूध आएगा। पंप करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा है। 1 दिन में माँ 700 मिलीलीटर से 1 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है। एक बार में दूध को निकाल कर आप उसे स्टोर कर सकते हैं और पूरा दिन इस्तेमाल कर सकते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए पंप का उपयोग कैसे करें?
- सुबह का समय पंप से दूध निकालने के लिए सबसे अच्छा है क्योंकि दिन ढलने के साथ-साथ दूध का उत्पादन घट जाता है।
- ब्रेस्टफीडिंग से एक घंटा पहले या 1 घंटा बाद पंप करें।
- एक बार में लगातार 20 मिनट के लिए पम्प कर सकते हैं।
- पंप से दूध निकालते वक्त छाती पर हल्की मसाज करते रहें।
अंत में
सभी महिलाएं मातृत्व और ब्रेस्टफीडिंग को अलग अंदाज में अनुभव करती हैं। कुछ गैलेक्टगॉग प्रोडक्ट्स को साइंस के द्वारा सही नहीं माना गया है, लेकिन भारत में ये ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए सदियों से उपयोग किए जा रहे हैं। ऊपर बताए गए ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के घरेलू उपाय के अलावा डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें। अपना डॉक्टर स्वयं बनें। पता लगाएं कि आपको कौन सी फूड आइटम के उपयोग से बेहतर रिजल्ट मिलते हैं। आपका बच्चा और आप अद्भुत हैं, अपने लिए बेस्ट फूड और डाइट प्लान चुनें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए गैलेक्टगॉग फूड कौन से हैं?
A1. हरी पत्तेदार सब्जियां, सौंफ, अदरक, मेथी, लहसुन, काबुली चना, पपीता, बादाम, जीरा इत्यादि गैलेक्टगॉग फूड हैं।
Q2. क्या बिना दवाई के घर पर ही ब्रेस्ट मिल्क बढ़ा सकते हैं?
A2. ऊपर बताए गए ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के घरेलू उपाय से बहुत सी महिलाओं को फायदा मिल है।
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