आजकल होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में से थाइरॉइड और पीसीओडी का नाम सबसे ऊपर आता है। ये विकार Endocrine disorder की वजह से होते हैं, जिससे हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। पिछले आर्टिकल में हमने जाना था कि डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके हॉर्मोन्स को किस तरीके से बैलेंस किया जा सकता है। आज हम जानेंगे कि पीसीओडी और थाइरॉइड में वज़न कम कैसे करें। PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi / PCOD थायरॉइड रोग के लिए डाइट प्लान.
जब ये दोनों परेशानियां एक साथ ही आ जाएँ और मिलकर एक दूसरे को बढ़ाने लगें तब आपके लिए PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi, बेहद फायदेमंद साबित होगा। थाइरॉइड से पीड़ित व्यक्ति को पीसीओएस भी होने के बाद कई नई परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि आप अपने भोजन से इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
पीसीओएस से होने वाली परेशानियां
- हाई ब्लड प्रेशर
- दिल की बीमारियां
- मधुमेह
- एंडोमेट्रियल कैंसर
पीसीओएस में भोजन से चिकित्सा
- एक अच्छा डाइट प्लान आपको वजन घटाने में मदद करेगा
- बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करेगा
- हाइपरइन्सुलिनीमिया को नियंत्रण कर सकते हैं
- मुहाँसे और अन्य त्वचा रोगों को भी मैनेज कर सकते हैं
- अनियमित पीरियड को भी सही भोजन से ठीक किया जा सकता है
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थाइरॉइड
थाइरॉइड हार्मोन शरीर में मेटाबॉलिजम की गति को नियंत्रित करता है। धीमा मेटाबोलिज्म कम कैलोरी खर्च होने की वजह से होने वाले मोटापे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। जिन लोगों को हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है उनके शरीर में थाइरॉइड हार्मोन का स्त्राव कम होता है इसलिए उनका मेटाबोलिज्म भी धीमा पड़ जाता है, जिससे उनका वजन लगातार बढ़ता रहता है। इसके अलावा slow metabolism के साथ और भी कई स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। थाइरॉइड होने के बाद व्यक्ति हर समय थका सा रहता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है, और वजन घटाना तो जैसे नामुमकिन सा हो जाता है।
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थाइरॉइड से जुड़ी अन्य परेशानियां
- मोटापे से संबंधित विकार
- थाइरॉइड से संबंधित कैंसर
थाइरॉइड में भोजन द्वारा चिकित्सा
- वज़न घटाना (Weight Loss)
- जलन और सूजन (Inflammation)
पीसीओएस और हाइपो थाइरॉइड में संबंध
हालांकि हाइपोथायरायडिज्म और पीसीओएस बिल्कुल अलग हैं फिर भी इन दोनों में बहुत सी समानता है और दोनों एक दूसरे से जुड़े भी हैं। आइए जानते हैं कैसे?
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ओवरी का आकार बढ़ना
थाइरॉइड होने के बाद महिलाओं में अंडाशय (Ovary) का साइज बढ़ जाता है। जिससे ओवरी में सिस्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही यह भी पाया गया कि जिन औरतों को पहले से पीसीओएस है, उन्हें थाइरॉइड होने की संभावना ज्यादा होती है। थाइरॉइड होने के बाद प्रोलेक्टिन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि Ovulation में बाधा पैदा करता है। थाइरॉइड ओवरी में होने वाले collagen deposition को भी बढ़ा देता है जिससे गर्भाशय की दीवारें मोटी हो जाती हैं और ओवुलेशन ठीक से नहीं हो पाता।
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इन्सुलिन रेजिस्टेंस
शरीर में बढ़ती चर्बी के साथ कम होती रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों ही स्थितियों में समानता को दिखाती हैं। पीसीओडी और थाइरॉइड के सम्बन्ध को दुनिया भर के डॉक्टर स्वीकार कर रहे है हालाँकि इस सम्बन्ध को अभी तक साबित नहीं किया जा सका है।
अब आप समझ चुके हैं कि पीसीओएस और हाइपो थाइरॉइड में गहरा संबंध है। इस जानकारी के बाद भोजन द्वारा इन दोनों विकारों को ठीक करने की ज़रुरत है, तो डाइट प्लान को देखने से पहले हम जानते हैं कि पीसीओएस और थाइरॉइड में क्या डाइट टिप्स अपनाने चाहिए-
PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi / PCOD थायरॉइड रोग के लिए डाइट प्लान
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लो ग्लाइसेमिक फूड Low Glycemic Food
आपको पहले बताया जा चुका है कि हाइपो थाइरॉइड में मेटाबॉलिस्म धीमा बढ़ जाता है इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ भोजन में शामिल करने चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है क्योंकि Low GI फ़ूड आइटम्स सुपाच्य होते हैं। जैसे कि साबुत अनाज, दालें, फल, अधिक फाइबर वाली सब्ज़ियाँ। इसके अलावा ऐसा खाना जिसमें कार्बोहाइड्रेट कम हो और साथ ही unprocessed हो, पीसीओडी और थाइरॉइड दोनों में ही अच्छा रहेगा। यह वजन को घटाने के साथ आपके दिल को भी मजबूती प्रदान करेगा।
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अधिक फाइबर वाला खाना Increase Fiber Intake
ज्यादा फाइबर वाला खाना मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है, जिससे वजन घटाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी गिरावट आएगी। इसलिए साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियाँ, और दालों को अपने भोजन का मुख्य हिस्सा बनायें।
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एंटी इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ Anti Inflammatory Food
ऐसा भोजन जिसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में हों, शरीर से inflammation यानि सूजन और जलन को कम करता है। गहरे रंग की पत्तेदार सब्ज़ियाँ, ग्रीन टी, खट्टे फल, सब्ज़ियाँ और इसके अलावा ज्यादा फाइबर वाले फ्रूट; ये सभी anti-inflammatory फूड की श्रेणी में आते हैं। इन्फ्यूजड वाटर पीने से भी शरीर से सूजन को कम किया जा सकता है।
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DASH डाइट
वैसे तो DASH डाइट हृदय संबंधी बीमारियों के प्रभाव और रिस्क को कम करती है, पर ऐसा देखा गया है कि यह पीसीओएस के लक्षणों में भी सुधार करती है। इस डाइट में मछली, मुर्गियां, फल, सब्जी, साबुत अनाज और लो फैट वाले dairy प्रोडक्टस की अधिकता होती है। इस खाद्य प्रणाली में ऐसी चीजें मना है जिनमें सैचुरेटेड फैट या शुगर आवश्यकता से अधिक है।
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मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थ Mineral Rich Food
रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि आयोडीन, सेलेनियम, और जिंक हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों के लिए खास तौर से फायदेमंद हैं।
आयोडीन – यह थाइरॉइड हार्मोन के बनने में विशेष रूप से मदद करता है। अच्छी बात यह है कि इसे बहुत आसानी से अपने रोजाना के भोजन में आयोडाइज्ड नमक (Iodized Salt) के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
सेलेनियम – यह शरीर में जाकर थाइरॉइड हार्मोन को एक्टिवेट करता है और शरीर में उपयोग लायक बनाता है। इस जरूरी लवण में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। यह थाइरॉइड ग्रंथि को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाता है। ट्यूना, अंडे, सारडाइन, और दालों के रूप में सेलेनियम को अपने भोजन में खाया जा सकता है।
जिंक – सेलेनियम की ही भांति जिंक भी थाइरॉइड हार्मोन को एक्टिवेट करता है। स्टडी से पता चला है कि जिंक TSH को नियंत्रित करता है। वेजिटेरियन डाइट में जिंक ज्यादा नहीं पाया जाता, लेकिन नॉन वेजिटेरियन लोग ओएस्टर, शेल्लफिश, गौ मांस और चिकन जैसी वस्तुएं खाकर जिंक की पूर्ति कर सकते हैं।
प्रोटीन की सही मात्रा थाइरॉइडग्लैंड के नार्मल कामकाज में सहायक है। यह न केवल थाइरॉइडहार्मोन के बनने बल्कि बॉडी में इसके सही तरीके से रिलीज होने का भी ध्यान रखता है। इसलिए पीसीओएस और थाइरॉइड में वज़न घटाने के डाइट प्लान में दाल, तिलहन, दूध, अंडे, चिकन जैसे पदार्थों को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
पीसीओडी और थाइरॉइडमें क्या अवॉइड करें? Foods to Avoid in PCOS and Thyroid
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की श्रेणी में आने वाले बेकरी उत्पाद – रिफाइंड आटा और जंक फूड
- सफ़ेद चीनी से भरे खाद्य और पेय पदार्थ
- लाल meat सहित सभी प्रोसैस्ड फूड जो इन्फ्लेमेशन को बढ़ाते हैं
- सभी तरह के सुक्रोज, फ्रुक्टोज़ वाले कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज, कृत्रिम मीठा सोडा, और सभी प्रकार के पैक्ड जूस
- Goitrogens- ये खाने में मौजूद ऐसे कंपाउंड हैं जो थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य कामकाज में रुकावट पैदा कर सकते हैं। जैसे कि –
- सोया उत्पाद
- गोभी परिवार की सब्ज़ियाँ- फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, Kale, फल और स्टार्च वाले पौधे- शकरकंदी, कसावा, आलू, और स्ट्रॉबेरीज, नट्स और सीड्स, पाइन नट्स और मूंगफली
क्या आप जानते हैं?
शोधकर्ताओं द्वारा की गई स्टडी से यह पता चला है कि Goitrogens को पकाने से उनकी प्रकृति बदल जाती है। इसलिए इन्हें थोड़ी मात्रा में कभी-कभार पकाकर खाया जा सकता है।
दूध का पीसीओएस और थाइरॉइडपर प्रभाव
दूध और दूध से बनी वस्तुओं का पीसीओएस और थाइरॉइड पर गहरा प्रभाव हो सकता है। हालांकि इस बात को दावे के साथ साबित नहीं किया जा सकता है, फिर भी नीचे लिखी गयी इनफार्मेशन पर ध्यान देना आवश्यक है-
- स्टडी के मुताबिक लो फैट दुग्ध उत्पादों में इन्सुलिन लाइक ग्रोथ फैक्टर (IGF) होता है जो इंसुलिन के कामकाज में दखल अंदाजी कर सकता है।
- इसके विपरीत फुल फैट दूध में एस्ट्रोजन का उच्च स्तर होता है जो दूध में मौजूद IGF के लेवल को घटा देता है।
- इसलिए पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध में यह फुल फैट मिल्क लाभकारी साबित होगा। इसके अतिरिक्त दूध में मौजूद फैट की मात्रा ओवुलेशन की कार्यप्रणाली में भी सुधार करती है।
- सर्वे से यह भी पता चला है कि जिन लोगों को थाइरॉइड की समस्या होती है वे लेक्टोज इनटोलरेंट होते हैं अर्थात दूध और दूध से बने पदार्थों को हज़म नहीं कर पाते। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि ऐसे लोग दूध से बने पदार्थों को अवॉइड करें क्योंकि यह TSH लेवल को भी कम रख सकता है।
- इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि ऐसी महिला जिसको पीसीओएस और थाइरॉइड दोनों है, उसे कभी कभार ही दूध से बने पदार्थ अपने भोजन में शामिल करने चाहिए और वह भी अपने शरीर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए।
पीसीओडी और थाइरॉइड में वज़न काम करने के लिए डाइट प्लान (PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi)
PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi).पीसीओएस और थाइरॉइडमें वजन घटाने के लिए 1 दिन का सैंपल डाइट प्लान आपको यहां पर दिया जा रहा है। जिसमें 1200 – 1300 किलो कैलोरी एनर्जी है और 55 – 60 ग्राम प्रोटीन |
सुबह(खाली पेट) | 1 गिलास ग्रीन जूस (पालक, घिया, पुदीना, धनिया, अदरक) |
सुबह का नाश्ता | 1 कप Camomile Tea. + 1/2 कप अंकुरित दालें या 2 एग व्हाइट उबालकर या भुजी बनाकर + 1 हरी मेथी का भरवां परांठा (बिना मक्खन) या 1 कप कीनुआ /दलिया/पुलाव सब्जियों के साथ या 2 Quinoa या बेसन चिल्ला |
नाश्ते के 2 घंटे बाद | 1 फल (फ़ाइबर वाले फल- सेब, नाशपाती, पपीता, अमरूद) |
दोपहर का खाना | 1 कप सलाद + ब्राउन राइस 1 कप या 1 कप बाजरा खिचड़ी. + 1कप दाल / सांबर/या 2 pc चिकन + 1कप सब्ज़ी (ऊपर बताई गई सब्जियों को छोड़कर कोई भी) |
मध्य दोपहर | 1 गिलास लस्सी या 1 कप ग्रीन टी 1 खाकरा या 6-8 अखरोट के टुकड़े या ½ कप नमकीन मखाने |
देर शाम | 1 कप सब्ज़ियों का सूप |
रात का खाना | 1 कप सलाद + 1ज्वार/नाचनी रोटी या 2 नाचनी दोस + 1 कप सांबर या veg खिचड़ी + कोई भी सब्ज़ी |
सोने से पहले | 1 गिलास गुनगुना पानी + 1 tsp चिया सीड्स |
अंत में
पीसीओएस और थाइरॉइड दोनों ही हॉर्मोन्स के असंतुलन और खराब जीवन शैली का परिणाम हैं लेकिन खाने का उपयोग दवाई की तरह करने पर हमारा शरीर अपने बिगड़े हुए सिस्टम को बहुत तेजी से ठीक कर सकता है। इसलिए ऊपर बताए गए पीसीओएस और थाइरॉइडमें वजन घटाने के डाइट प्लान को आप अपने जीवन में अपनाएँ। मैं आशा करती हूं कि यह PCOD and Thyroid Diet Plan for Weight Loss in Hindi / PCOD थायरॉइड रोग के लिए डाइट प्लान आपको अपने स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्य पाने में मदद करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या सेंधा नमक खाने से थाइरॉइड होता है?
A1. उचित मात्रा में खाने से कोई भी नमक नुकसानदायक नहीं है। पूरी जानकारी के लिए थाइरॉइड के लिए घरेलु नुस्खे पढ़ें|
Q2. थाइरॉइड से बचने के लिए कौन सा नमक ज्यादा खाना चाहिए- सेंधा नमक या समुद्री नमक?
A2. नमक कोई भी ज्यादा नहीं खाना चाहिए। शरीर के लिए जरूरी आयोडीन हमें नमक के अलावा आलू, अरबी, और हरी सब्जियों से भी मिल जाता है। इसलिए किसी भी रूप में नमक कम खाएं।
Q3. अगर पीसीओएस होने पर भी कोई महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसे क्या करना चाहिए?
A3. वैसे तो ऐसी संभावना कम होती है, फिर भी अगर कोई महिला पीसीओएस होने पर भी प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसे डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाते रहना चाहिए और पौष्टिक भोजन खाना चाहिए।
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