अब भारत में भी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसा शहरीकरण, खानपान की गलत आदतें, एक्सरसाइज की कमी और जेनेटिक कारणों से होता है। आज के इस आर्टिकल इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रीडायबिटीज में हम इन परेशानियों से निपटने के तरीकों पर विचार करेंगे। मधुमेह की सबसे पहली स्टेज वह होती है जब आपके खून में ग्लूकोज का स्तर और HbA1C नॉर्मल से ज्यादा आता है। हालांकि, थोड़ा सा ज्यादा लेवल इतना खतरनाक नहीं होता लेकिन यह एक तरीके की चेतावनी है कि अगर आपने इस पर ध्यान नहीं दिया तो आप पूरी तरह से मधुमेह के रोगी को सकते हैं। इसलिए परेशानी के बढ़ने से पहले ही उससे निपटने का उचित तरीका खोजें।Pre diabetes diet chart in Hindi / Bina dawai diabetes ko thik kaise kare ?
प्रीडायबिटीज के क्लासिक लक्षण
- अकैंथोसिस निगरिकंस (Acanthosis Nigricans) द्वारा इन्सुलिन रेजिस्टेंस प्रकट करना
- HbA1C का 5.5 से 6 के बीच होना
- पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस)
- फास्टिंग शुगर का सामान्य से अधिक होना
प्रीडायबिटीज होने की मुख्य वजह
- मोटापा
- शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना
- गलत खानपान
Pre diabetes diet chart in Hindi / इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रीडायबिटीज
इससे पहले कि हम Pre diabetes diet chart in Hindi प्री डायबिटिक डाइट चार्ट देखें, हमें जरूरत है यह जानने की कि इस शुरुआती असुविधा को बीमारी बनने से कैसे रोक सकते हैं। यह उद्देश्य नीचे बताये 2 चरणों में पूरा किया जा सकता है –
- खानपान में बदलाव
- शारीरिक सक्रियता को बढ़ाकर
खानपान में बदलाव कैसे करें
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किसी भी भोजन को छोड़े नहीं (Don’t Skip Meals)
दिन के तीन मुख्य भोजन में से किसी भी एक भोजन को छोड़ने का मतलब है अगले भोजन में जरूरत से ज्यादा खाना और यह एक्स्ट्रा कैलोरी शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है। ज्यादा वसा जमा होने से इन्सुलिन रेजिस्टेंस बढ़ती है। सबसे बेहतर विकल्प है एक दिन में 5-6 छोटे मील खाना।
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भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक रखें (High protein Intake)
भारतीय भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी अधिक होती है जिसकी वजह से ग्लाइसेमिक लोड (glycaemic load) बढ़ जाता है जो खून में शुगर के स्तर को बढ़ा देता है। इसकी वजह से इन्सुलिन रेजिस्टेंस और ज्यादा होती है। इसके विपरीत प्रोटीन वाले भोजन खून में ग्लूकोस को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं। इसलिए अपने भोजन में अच्छी क्वालिटी के लो फैट प्रोटीन शामिल करें. जैसे कि अंडे, मुर्गी, लीन मीट, मछली, दाल-तिलहन, मेवे और सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थ।
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कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खायें (Stick to Low Glycaemic Food)
किसी भी खाद्य पदार्थ का ग्लायसेमिक इंडेक्स खून में शुगर की मात्रा पर सीधा असर डालता है। इसलिए साबुत अनाज, दालें, साबुत फल और सब्जियां और सभी प्रकार के millets को खाने में शामिल करें। फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण यह आपके पेट को ज्यादा देर तक भरे रहने का संकेत देते हैं और आपका वजन भी नहीं बढ़ता। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में सक्षम हैं।
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फाइबर वाली सब्जियां चुनें (Choose Fibrous Vegetables)
जिस सब्जी में जितना फाइबर अधिक होता है उतना ही उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और फाइबर अधिक होने से ब्लड शुगर पर नियंत्रण भी अच्छा रहता है। इन सब्जियों में मौजूद फाइबर आंतों में घूम रहे एक्स्ट्रा फैट को सोख लेता है और ब्लड में शुगर की मात्रा को बढ़ने नहीं देता। अधिक फाइबर वाले फल और सब्जियां खाने पर आप को कम भूख लगती है और आपके शरीर में कैलोरी की मात्रा कम जाती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, मल्टीग्रेन आटे, मिलेट, ब्राउन राइस, किनुआ, अलसी के बीज, चिया सीड्स को नियमित रूप से खाएं।
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नट्स को डाइट में शामिल करें (Include Nuts)
नट्स (Nuts) भोजन में जरूरी फाइबर और ओमेगा 3 प्रदान करते हैं ओमेगा 3 इन्सुलिन रेजिस्टेंस को घटा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्य भोजन के बीच में थोड़ी भूख लगने पर नट्स खाना सबसे हेल्दी स्नैक फ़ूड है। यह भूख को काबू में रखता है और आपको ओवरईटिंग करने से बचाकर ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है- अखरोट, हेज़ल नट, बादाम इत्यादि आजकल आसानी से उपलब्ध हैं।
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हेल्दी फैट को चुनें (Eat Healthy Fat)
किसी भी तरह के ट्रांस और सैचुरेटेड फैट के सेवन से बचें क्योंकि यह इन्सुलिन रेजिस्टेंस को बहुत तेजी से बढ़ाता है। MUFA और PUFA से भरपूर तेलों का अधिक सेवन करें। डाइट में ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें क्योंकि ओमेगा-3 इंसुलिन प्रतिरोध को ठीक करने में सहायक है। राइस ब्रान ऑयल या चावल की भूसी का तेल और जैतून का तेल सभी उम्र के लोगों के लिए अच्छे बताए जाते हैं। प्रतिदिन अखरोट, अलसी, मछली, और अंडे थोड़ी मात्रा में अवश्य खाएं।
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सर्विंग साइज़ छोटा रखें (Eat Small Servings)
प्लेट के आकार पर थोड़ा सा नियंत्रण करके आप डायबिटीज को अपने से हमेशा के लिए दूर रख सकते हैं। यहां पर थोड़ा सा अनुशासन बहुत आवश्यक है। भूख से थोड़ा कम खाकर आप वजन और शुगर दोनों को जिंदगी भर नियंत्रण में रख सकते हैं।
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बढ़े हुए वजन को कम करें (Reduce Excess Weight)
मोटापा डायबिटीज की शुरुआत की ओर संकेत करता है इसलिए अगर आप शुरू में ही बढ़े हुए वजन को कम कर लेते हैं तो प्रीडायबिटीज के लक्षण अपने आप चले जाएंगे। बहुत अधिक मोटापा होने पर आप डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं या प्रीडायबिटीज की दवाइयां शुरू करने से भी वजन कम करने में मदद मिलेगी। शुरुआती स्टेज में केवल खान-पान में थोड़ा सा बदलाव और थोड़ी एक्सरसाइज करने से ही वजन कम हो जाता है और वजन कम होते ही इन्सुलिन रेजिस्टेंस में कायाकल्प परिवर्तन आता है। वजन घटते ही इन्सुलिन रेजिस्टेंस और body fat और ब्लड शुगर में तेजी से परिवर्तन आता है।
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डाइट में फंक्शनल फूड को शामिल करें (Incorporate Functional Food)
फंक्शनल फूड पेट भरने के अतिरिक्त शरीर को पोषण देता है और स्वास्थ्य में सुधार करता है। उदाहरण के लिए ओट्स में मौजूद बीटा ग्लूकन बॉडी फैट और वजन दोनों को घटाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल में ले आता है। डाइट में मेथी के दानों को शामिल करने से भी इन तीनों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। थोड़ी मात्रा में दालचीनी (Cinnamon Stcick) इन्सुलिन रेजिस्टेंस पर तेजी से काम करती है। इसी प्रकार इसबगोल भी वजन और शुगर को कंट्रोल में ला सकता है।
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जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक को ना कहें (Say no to Junk Food)
जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक दोनों में ही फैट और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है। इस तरीके का भोजन वजन और इंसुलिन दोनों को तेजी से बढ़ाता है। जिसका ब्लड शुगर पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा है।
इससे पहले कि हम Pre diabetes diet chart in Hindi / इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रीडायबिटीज की तरफ बढ़े हमें इसके दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा जिससे कि बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल पर आ सके।
शारीरिक व्यायाम
हल्की फुल्की शारीरिक कसरत से शुरू करें। एरोबिक एक्टिविटी करने से इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम होगी और इस प्रकार प्रीडायबिटीज को शुरुआती स्टेज में ही पकड़ सकते हैं। पैदल सैर, जॉगिंग, तैराकी, साइकिलिंग, डांस या योग किसी से भी शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा वर्कआउट के साथ अपने शरीर को कसाव देने के लिए वेट ट्रेनिंग भी कर सकते हैं।
इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रीडायबिटीज / Pre diabetes diet chart in Hindi
Pre diabetes diet chart in Hindi. यहां पर डायबिटीज की शुरुआती स्टेज के लिए आपको एक आसान इंडियन डाइबीटिक आहार चार्ट बताया जा रहा है :
सुबह खाली पेट | 1 गिलास गुनगुना पानी +
1 tsp नींबू रस + 2 चुटकी दालचीनी पाउडर + 1 tsp भीगे हुए मेथी दाना |
सुबह का नाश्ता | 1 कप ओट्स (बिना चीनी)
+2 टुकड़े अखरोट |
या | |
2 एग व्हाइट आमलेट
+ 1 कप चाय/कॉफी/दूध (फीकी) |
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मिड मॉर्निंग | 1 फल (केला अवॉइड करें)
या 1 कप ग्रीन टी (बिना चीनी) |
दोपहर का खाना (Lunch) | 1 कप स्प्राउट सलाद/वेजीटेबल सलाद
+ 2 चपाती/ 1 कप ब्राउन राइस/1 कप दलिया + 2 / कप कोई भी सब्ज़ी 1 कटोरी दही 1 कटोरी दाल |
या मांसाहारियों के लिए – | |
2 पीस चिकन/2 एग व्हाइट/1 पीस मछली
+ 2 चोकर सहित आटे की रोटी |
|
लंच के बाद | 1 गिलास गुनगुना पानी+नींबू
10-15 मिनट की सैर |
लंच के 2 घंटे बाद | 1 गिलास लस्सी/अंबिल (रागी कांजी)/1 कप सोल कढ़ी |
स्नैक्स (Evening) | 1 कप चाय/कॉफी (बिना चीनी)
+ भुने लो फैट सोया बीन/चावल मुरमुरा और भुने चने |
रात का खाना (Dinner) | 1 कप सलाद
+1 नाचनी रोटी/बाजरा रोटी/जौ रोटी सब्ज़ी 1 कप 1 कप हरी पत्तेदार सब्ज़ी दही 1 कप |
Dinner के बाद | 1 गिलास गुनगुना पानी+नींबू
10-15 मिनट की सैर |
सोने से पहले | 1 कप दूध (फीका) |
याद रखने योग्य बातें
किसी भी मुख्य भोजन को छोड़े नहीं, जहां तक संभव हो सके हर भोजन में सब्जियों को शामिल करें ताकि ग्लाइसेमिक लोड कम हो सके। हर मुख्य भोजन में प्रोटीन जरूर खाएं। दो मुख्य भोजन के बीच 2 से 3 घंटे का अंतराल अवश्य रखें। लेकिन इसे 4 से 5 घंटे से ज्यादा भी ना बढ़ाएं। खाने के 2 घंटे बाद ही एक्सरसाइज करें।
यहां आपको 1200 कैलोरी का प्रीडाईबिटिक डाइट चार्ट इन हिंदी बताया गया है
अंत में
भोजन और जीवनशैली में सही तरीके के बदलाव करने से निकट भविष्य में डायबिटीज को होने से रोका जा सकता है। हमेशा छोटे कदमों से शुरुआत करें- जैसे कि शरीर के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थों को चुनें, सर्विंग साइज छोटा रखें, और शारीरिक एक्टिविटी बढ़ाएं। अगर आपका ब्लड शुगर नॉर्मल भी है तो भी ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखने पर आप भविष्य में आने वाली बीमारियों से अपने आप को बचा सकते हैं। मैं आशा करती हूं यह प्री डाइबीटीज़ डाइट चार्ट ब्लड शुगर को नार्मल तक लाने में अवश्य मदद करेगा ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
Q 1 प्री डाइबीटीज़ के लक्षण क्या हैं?
A1 वैसे तो इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं हैं, फिर भी बार-बार पेशाब आना और अधिक प्यास लगना सामान्य लक्षण हैं।
Q2 प्री डाइबीटीज़ का घरेलू इलाज क्या है?
A2 नियमित व्यायाम और सही खाना खाकर प्री डाइबीटीज़ को घर पर ही ठीक किया जा सकता है।
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