हमारा शरीर भगवान की एक शानदार कलाकृति है। गर्भावस्था के दौरान, शरीर बच्चे के पोषण के लिए खुद को ढाल लेता है। बच्चे को जगह देने के लिए माँ की पेल्विस का आकार और रक्त की मात्रा और ब्लड फ़्लो अपने आप बढ़ जाता है। क्योंकि बच्चे तक पोषक तत्वों की आपूर्ति शरीर का मुख्य कार्य बन जाता है। लेकिन इसके साथ ही माँ के मन में एक अजीब सी घबराहट भी बढ़ती है कि अब मेरे शरीर का क्या होगा? लेकिन, प्रेगनेंसी में वज़न कम करने के लिए डाइट प्लान आपको इस डर से छुटकारा दिलाएगा। Pregnancy diet plan for obese women in Hindi. Pregnancy me Vajan Kam Kaise Kare? मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट पढ़ें।
ब्लड वॉल्यूम बढ़ने से गर्भवती माँ को कम हीमोग्लोबिन का अनुभव होता है। साथ ही ब्लड ग्लूकोस और एल्ब्यूमिन कम होने से शरीर में वाटर रीटेन्शन (water retention) भी हो सकती है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऐक्टिविटी कम हो जाने से कब्ज, चिड़चिड़ापन, जी मिचलाना और उल्टी होती है। ज़्यादातर मामलों में शारीरिक वजन बढ़ना भी शामिल है।
कुछ डराने वाले सवाल उनके मन में आ सकते हैं – जैसे कि क्या डिलीवरी के बाद मेरा वजन कम हो जाएगा? क्या मैं उतनी ही फिट रहूंगी, जितनी मैं प्रेगनेंसी से पहले थी? इन सभी प्रश्नों का उत्तर है – “हां”। इसके लिए माँ को ऐसी खुराक लेनी पड़ेगी जिसमे माँ और भ्रूण को पोषक तत्वों की आपूर्ति भी होती रहे और वज़न भी ना बढ़े। इस दिशा में प्रेगनेंसी में वज़न कम करने के लिए डाइट प्लान आपकी मदद करेगा।
क्या आप जानते हैं?
गर्भावस्था से पहले वाले वज़न से ही यह निर्धारण होता है कि प्रेगनेंसी में आपका वज़न कितना बढ़ेगा। भारतीय मानकों के अनुसार आदर्श वजन इस प्रकार बढ़ना चाहिए:
प्रेगनेंसी से पहले बी एम आई (kg/m2) | 9 महीने में वज़न वृद्धि (kgs) |
कम वज़न (< 19.8) | 12.5 – 18 |
नॉर्मल वज़न (19.8 – 23) | 11.5 – 16 |
अधिक वज़न (>23 और < 24.9) | 7 – 11.5 |
मोटापा (>25) | 6 |
11 – 13 किलोग्राम वज़न वृद्धि को सही और सामान्य माना जाता है। है। पहली तिमाही में आदर्श वजन बढ़ना 900 – 1800 ग्राम है। इसके बाद हर हफ्ते 450 ग्राम वजन बढ़ता है।
प्रेगनेंसी में अधिक वजन बढ़ने के कारण
-
दो के लिए खाओ
यह भारतीय घरों में देखी जाने वाली एक विशिष्ट धारणा है। खिलाए गए भोजन में फैट और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इस समय में पसंद किये जाने वाले लड्डू, बादाम दूध और अन्य ड्राइ फ्रूट तेजी से वेट गेन करते हैं।
-
नाइट क्रेविंग
देर रात को जंक फूड, आइसक्रीम और मीठी चीजें खाने से अधिक वजन बढ़ जाता है।
-
कोई शारीरिक गतिविधि नहीं
यह सही है कि गर्भावस्था में शरीर में बहुत सी परेशानियाँ होती हैं। लेकिन जब तक डॉक्टर सलाह न दे तब तक पूरा बेड रेस्ट नहीं करना चाहिए। क्योंकि ज़ीरो शारीरिक ऐक्टिविटी से शरीर की मेटाबॉलिक रेट कम हो जाती है, जिससे फैट जमा होकर वज़न बढ़ने लगता है।
Pregnancy me Vajan Kam Kaise Kare?
मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट
गर्भावस्था के दौरान dieting और वजन कम करना उचित नहीं है। इसके बजाय, सही समय पर सही भोजन चुनें, कभी-कभी cheat meal चल जाएगा।
एक्सरसाइज और कैलोरी का सही कॉम्बिनेशन माँ और बच्चे को स्वस्थ रखता है। पहली तिमाही में, आपको नॉर्मल से केवल 50 – 100 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। दूसरी तिमाही में अतिरिक्त 200 कैलोरी और तीसरी तिमाही में 300 कैलोरी की सलाह दी जाती है।
यहाँ अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी डाइट प्लान के लिए कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए हैं।
हेल्दी खाद्य पदार्थ
-
साबुत अनाज का चयन करें
साबुत अनाज जैसे चोकर सहित आटा, टूटा हुआ गेहूं (दलिया), ब्राउन राइस, साबुत गेहूं का पास्ता, ज्वार या नाचनी। साबुत अनाज में उच्च फाइबर सामग्री कब्ज से राहत दिलाती है और पेट भरे रहने का एहसास कराती है। टोस्ट, खाखरा या ब्रेड जैसे crackers जो ख़राब जी को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, साबुत अनाज से बने होने चाहिए।
-
दाल और फलियां
ये पावर पैक्ड फूड ग्रुप शरीर की दैनिक प्रोटीन आवश्यकता को पूरा करते हैं। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान अधिक दाल खाने से पेट फूल सकता है और माताओं को परेशानी हो सकती है। इसलिए पकी हुई दालों का प्रयोग कम मात्रा में करें।
-
डेयरी उत्पाद
लो फैट डेयरी उत्पादों की कम से कम 3 – 4 सर्विंग्स का सेवन करें। दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे दही, छाछ या पनीर शरीर को कैल्शियम, फास्फोरस और प्रोटीन से भरपूर पोषण देते हैं।
-
ड्राई फ्रूट्स और नट्स
अखरोट, खजूर और बादाम जैसे सूखे मेवे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले काजू और पिस्ता जैसे सूखे मेवे की तुलना में बेहतर चॉइस है। नट्स में मौजूद ओमेगा 3 हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है, स्ट्रेस को कम करता है। माँ में ब्लड क्लोटिंग और नर्व ट्रांसमिशन को भी कम करता है। माँ की इम्युनिटी बढ़ने से भ्रूण को भी लाभ होता है।
-
पशु प्रोटीन
रेड मीट की तुलना में लो-फैट लीन कट चिकन, लो-फैट फिश और अंडे का सफ़ेद भाग बेहतर विकल्प हैं। माँसाहारी भोजन बेस्ट क्वालिटी के प्रोटीन, आयरन, ओमेगा 3, कैल्शियम और विटामिन बी12(traces) की आपूर्ति करता है। ये सभी पोषक तत्व इम्युनिटी को बढ़ावा देते हैं।
-
फल और सब्जियां
दिन भर में भरपूर मात्रा में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें। गर्भावस्था के दौरान कम से कम 5-6 सर्विंग्स खाने से ज़रूरी विटामिन, खनिज और फाइबर मिल जाएंगे। शुगर क्रेविंग होने पर आम या केले जैसे मीठे फल खा सकते हैं। इनमें मिठाइयों से कम कैलोरी और फैट होता है।
-
हेल्दी फैट
थोड़ी मात्रा में हेल्दी तेल, घी और मक्खन का प्रयोग करें। इनका अधिक सेवन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। एमयूएफए (MUFA) युक्त मूंगफली का तेल, राइस ब्रैन (चावल की भूसी का) तेल या जैतून का तेल कम मात्रा में खा सकते हैं। 15 – 20 ग्राम तेल एक दिन के लिए काफी है।
-
चीट मील (Cheat Meal)
Pregnancy diet plan for obese women in Hindi. Pregnancy me Vajan Kam Kaise Kare? मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट. गर्भवती माँ को अपने पसंदीदा भोजन खाने से नहीं रोकता। जितनी कैलोरी आप खा रहे हैं और जितनी कैलोरी की आप को जरूरत है, उसे जानें। सर्विंग साइज़ कम करने से वजन बढ़ने से बचा जा सकता है। उच्च कैलोरी वाले फ़ूड आइटम्स को पौष्टिक सलाद या सूप या ड्राई रोस्टेड सब्जियों से बदलें। आखिर में, रात के भोजन और सोने के समय के बीच कम से कम 2 घंटे का अंतर रखें।
प्रेगनेंसी में वजन कम कैसे करें जानने के बाद व्यायाम के बारे में बात करने का समय आ गया है। 30 मिनट की सिंपल सैर से माँ का मेटाबोलिज्म सही काम करता है। एक sedimentary लाइफस्टाइल वाला व्यक्ति धीरे-धीरे 10 मिनट की सैर से शुरू करके इसे 30 से 45 मिनट तक बढ़ा सकता है। रोज़ाना 10,000 कदम चलने से स्टैमिना में बढ़ोतरी होती है। मेडिटेशन करने से मानसिक तनाव दूर रहता है।
प्रेगनेंसी से पहले करने वाली उन सभी एक्सरसाइज को आप बाद में भी कर सकती हैं जिनसे पेट पर दबाव पड़कर बच्चे को नुकसान न हो.
Pregnancy diet plan for obese women in Hindi. मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट
यह एक सैंपल प्रेगनेंसी डाइट प्लान है जो उन महिलाओं के लिए ख़ास तौर से बनाया गया है जो गर्भावस्था में कम वजन बढ़ाना चाहती हैं।
फ़ूड आइटम | कैलोरी (KCAL) | प्रोटीन (GMS ) | पोषण-तथ्य |
सुबह : (7.00 Am) |
|||
गुलाब का दूध (Rose Milk ) (1 गिलास) | 150 | 4 | दूध दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है, यह पेट में आए acid rush को शांत करेगा। दूध के पोषक तत्व खाली पेट बेहतर तरीके से अवशोषित होंगे। |
आटा रस्क (1 पीस) | 25 | 1 | सुबह के समय ड्राई कार्ब्स मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। |
भीगे बादाम (6 पीस) | 50 | 4 | यह प्रोटीन और ओमेगा 3 एसिड का अच्छा स्रोत है। |
सुबह का नाश्ता (9.00Am) |
|||
गाजर का भरवां परांठा (2 मध्यम आकार) |
100 | 3 | गाजर शरीर में फाइबर की पूर्ति करती है, गर्भावस्था के दौरान माँ को त्वचा और पाचन की समस्या से दूर रखती है। जन्म के समय बच्चे को पीलिया होने के जोखिम को कम करती है। |
दही (1 मीडियम कटोरी) | 75 | 4 | दही गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन A और D प्रदान करता है, और आपके मूड को अच्छा रखता है। |
या | |||
अंडे का आमलेट (2) | 160 | 10 | अंडे पकाने में आसान और प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं। |
टोस्टेड ब्राउन ब्रेड (1 स्लाइस) | 50 | 1.5 | सुबह के समय ड्राई कार्ब्स मॉर्निंग सिकनेस से राहत दिलाने में मदद करते हैं। |
या | |||
वेजीटेबल ओट्स उपमा (1 सूप कटोरी) | 250 | 3 | सब्जियों से मिलने वाले मल्टी नयूट्रिशन और फाइबर कब्ज से निपटने में सहायक हैं। |
11.00 Am | |||
सेब/संतरा/अनार (1 मध्यम आकार) | 40 | – | फल खाने से शरीर में हाइड्रेशन और PH बैलेंस सही रहने से रक्त में वृद्धि होती है। |
12.00 pm | |||
नारियल पानी/नींबू पानी (1 गिलास) | 30 | – | गर्भावस्था के दौरान कब्ज, सुस्त पाचन, सीने में जलन, और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचाव। |
दोपहर का खाना (1.30 Pm) |
|||
चपाती / फुल्का (2 ) | 200 | 6 | – |
दाल तड़का / फिश करी (1 सूप कटोरा) | 100 | 3 | मछली बच्चे के विकास के लिए PUFA और MUFA जैसे पोषक तत्व और अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन पाने में मदद करती है। |
पालक पनीर (1 छोटी कटोरी)) | 150 | 6 | पालक फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर होता है और स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करता है। |
कटे टमाटर (2 मध्यम आकार) | 40 | – | एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन मेटाबॉलिक वेस्ट को संभालता है। |
2.30 pm | |||
छाछ (1 गिलास) | 40 | 1 | हाइड्रेशन बढ़ाकर एसिडिटी से होने वाली जलन को कम करता है। |
6.00 pm |
|||
सेब/संतरा/अनार (1 मध्यम आकार) | 40 | – | फल खाने से शरीर में हाइड्रेशन और PH बैलेंस सही रहने से रक्त में वृद्धि होती है। |
रात का खाना (8.00 Pm) |
|||
ज्वार/बाजरे की रोटी घी के साथ (1 छोटा चम्मच) (2 मध्यम आकार) | 200 | 6 | ये अनाज पचाने में आसान होते हैं और सिस्टम पर बोझ नहीं डालते हैं। |
मूंग दाल और मेथी की सब्जी (1 कटोरी) | 150 | 4 | बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन और आयरन का अच्छा कॉम्बिनेशन |
कढ़ी/आलू की ग्रेवी (1 कटोरी) | 150 | 3 | — |
कोशिमबीर / सलाद (1 कटोरी) | 50 | 2 | फाइबर बेहतर पाचन में मदद करता है |
10.00 pm |
|||
दूध (1गिलास) | 150 | 4 | अच्छे पोषण के साथ-साथ सोते समय एक गिलास गर्म दूध रात को अच्छी नींद लेने में मदद करता है। |
2 खजूर | 25 | 1 | यह ब्लड वॉल्यूम को बढ़ाकर रक्त के PH बैलेंस को बनाए रखता है। |
TOTAL | 1760 | 56.5 |
ऊपर बताए गए Pregnancy diet plan for obese women in Hindi. मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट से सही रिजल्ट पाने के लिए इन चीजों से खास परहेज़ करें:
-
तले हुए खाद्य पदार्थ
ये बहुत तेजी से वजन बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। ऐसा आहार एसिडिटी को भी बढ़ाता है जिससे गर्भावस्था में माँ के लिए परेशानी बढ़ सकती है।
-
चीनी और फैट
इनकी वजह से मिठाइयों में अधिक कैलोरी होती है। इससे वजन और शरीर पर तनाव बढ़ता है।
-
प्रेगनेंसी में जंक फूड से दूर रहें
ज़्यादा जंक फूड खाने वाली महिलाओं के बच्चों में जन्म के समय वजन अधिक हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के हृदय और एन्डोक्राइन विकार से पीड़ित होने की संभावना हो सकती है।
-
अनहेल्दी स्ट्रीट फूड
इनसे हानिकारक माइक्रो ऑर्गनिज़म शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जिससे गर्भवती माँ की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
Pregnancy diet plan for obese women in Hindi. Pregnancy me Vajan Kam Kaise Kare? मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए यह गर्भावस्था आहार चार्ट.
प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान ई- बुक
अब आप प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान ई- बुक के माध्यम से भी पढ़ सकते हैं। यह एक E-Book है, जिसमें प्रेगनेंसी के लिए डाइट प्लान विस्तार से और प्रैक्टिकल तरीके से बताए गए हैं। इसमे गर्भावस्था के सभी 3 ट्राइमेस्टर के लिए आहार प्लान बताये गए हैं। This Ebook is in English.
इसमें सिंपल टिप्स के द्वारा बताया जाएगा कि जैसे – जैसे ट्राइमेस्टर बढ़ेगा तो आपके भोजन में क्या बदलाव होना चाहिए। हमने हर ट्राइमेस्टर के 1 सप्ताह के लिए पूरे दिन का सैंपल डाइट प्लान दिया है। यह सभी डाइट प्लान आप को जरूरी माइक्रो और मैक्रोन्यूट्रिएंट प्रदान करते हैं। जो मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है। डाइट प्लान के साथ ही आपको सभी न्यूट्रिएंट्स की सही कैलकुलेशन भी वहां पर मिल जाएगी।
अंत में
कोई भी काम असंभव नहीं होता। प्रेगनेंसी में कम वजन बढ़ाने के लिए अपने आहार में थोड़ी सी देखभाल और सावधानी की आवश्यकता है। यदि आप भोजन, एक्सरसाइज और नींद को सही तरीके से अपने लाइफस्टाइल में अपनाती हैं तो प्रेगनेंसी का टाइम बिना किसी कठिनाई के ही निकल जाएगा। हमें उम्मीद है कि मोटापे और अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी डाइट चार्ट आपको आरामदायक प्रेगनेंसी और डिलीवरी में लाभकारी साबित होगा। Personalized diet plan service.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल Frequently Asked Questions
Q1. मैं ओवरवेट हूँ और बच्चे की प्लानिंग कर रही हूँ। क्या आप प्रेगनेंसी में वज़न कम करने के कुछ घरेलू तरीके बता सकते हैं?
A1 वज़न कम करना है तो आप प्रेग्नेंट होने से पहले ही कम करें। क्योंकि गर्भावस्था में वज़न घटाने से माँ और शिशु में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। प्रेगनेंसी से पहले वज़न कम करने के लिए इस डाइट प्लान को फॉलो करें।
Q2. गर्भावस्था में अधिक थकान क्यों होती है?
A1 गर्भावस्था में अधिक थकान एक आम समस्या है, जो माँ के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकती है। यदि इससे आपके रोज़ाना के काम काज पर अधिक प्रभाव पड़ रहा है तो विशेषज्ञ से संपर्क करें या अपने लिए customized डाइट चार्ट बनवाएं।
Q3 प्रेगनेंसी में एनर्जी के लिए क्या खायें?
A3 आर्टिकल में ऊपर बताए गए प्रेगनेंसी के सैम्पल डाइट चार्ट को गंभीरता से अपनाएं। अगर इससे आपको कोई खास फायदा नहीं होता तो हमसे संपर्क करें।
Comment Policy:
We are glad you have chosen to leave a comment. We wish to inform you that the comments are moderated to avoid obscenity. Sometimes , we might take around 3 to 4 days to get back to you with the reply