Pregnancy Me kya Khana Chahiye, Pregnancy me kya nahi Khana Chahiye ? प्रेगनेंसी में क्या खायें और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खायें ? यह एक ऐसा सवाल है जो प्रेग्नेंट होने के बाद हर औरत के मन में सबसे पहले आता है। क्योंकि प्रेगनेंसी किसी भी औरत की जिंदगी में सबसे ज्यादा excitement और खुशी का मौका लाती है। उसकी ज़िंदगी में पहली बार ऐसा होता है जब वह सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि एक अजन्मे बच्चे की सेहत के लिए भी जिम्मेदार होती है। वैसे तो जिंदगी भर पौष्टिक भोजन खाना जरूरी है। लेकिन गर्भावस्था में यह और भी ज्यादा important हो जाता है। घर पर पकाई गई ज्यादातर खाने की वस्तुएं सुरक्षित होती हैं लेकिन प्रेगनेंसी में कुछ वस्तुओं से परहेज़ करना चाहिए। पहले हम बात करते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए।
Pregnancy Me kya Khana Chahiye, Pregnancy me kya nahi Khana Chahiye ? प्रेगनेंसी में क्या खायें और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खायें
प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाएं (Foods to Avoid in Pregnancy)
कच्चा मीट
कच्चे मीट से दूर रहें। ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें किसी भी रूप में कच्चा मीट हो, जैसे कि Sashimi, सीफूड, बिना पका मीट या मुर्गियां। इन्हें खाने से हमेशा इंफेक्शन का खतरा बना रहता है क्योंकि इनमें कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, टॉक्सोप्लास्मोसिस और सालमोनेला हो सकता है।
लिवर
प्रेग्नेंसी के समय जिगर की ज्यादा क्वांटिटी खाने से बच्चे में जन्म से ही कुछ कमियां (birth defects) बैठ सकती हैं। इसकी वजह है इसमें मौजूद विटामिन ई की अधिक मात्रा।
मछली
कुछ मछलियों जैसे कि शार्क, स्वोर्डफिश, किंग मेकरेल, और टाइल फिश में संभवतः मरकरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ज्यादा मर्करी दिमाग को नुकसान पहुंचा कर शिशु के विकास को धीमा कर सकता है। अगर आप स्थानीय झील से मछली खरीदते हैं तो यह जरूर पता कर लें कि उसमें पॉलीक्लोरिनेटेड बायफिनायल इत्यादि ना हो।
बिना पकी शेलफिश
अगर शेलफिश, ओयस्टर, clams, और mussels को ठीक से नहीं पकाया जाता तो फूड पॉइज़निंग का कारण बन सकती हैं। पकने के बाद भी उनसे algae संबंधित इंफेक्शन होने का खतरा बना ही रहता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन्हें ना खाना ही बेहतर है।
कच्चे अंडे
अगर आप अंडे को कच्चा खाने की शौकीन है तो पेट में बच्चा आने के बाद इसे या तो बंद कर दें या फिर अंडों को अच्छे से पकाकर या उबालकर ही खायें। जिससे कि खाने से पहले उसके छिलके को अच्छी तरह से हटाया जा सके।
सॉफ्ट चीज़
पाश्चरीकृत दूध से बना cheese खाने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाला सॉफ्ट चीज़ जैसे की फेटा, मैक्सिकन, ब्राइ, Roquefort, और Camembert के साथ Gorgonzola cheese अपने साथ एक तरह का बैक्टीरिया भी ले आते हैं जिससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
नॉन-पाश्चरीकृत दूध
खासतौर से गांव में रहने वाली महिलाओं का ऐसा मानना है कि गाय या भैंस से दूध की धार लेना सेहतमंद है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान यह तथ्य गलत साबित होता है क्योंकि दूध निकालते वक्त उसमें बहुत से बैक्टीरिया और वायरस आ सकते हैं। इसलिए एक प्रेग्नेंट औरत को उबला हुआ या पाश्चरीकृत दूध ही पीना चाहिए।
इन सभी खाद्य पदार्थों के अतिरिक्त एक गर्भवती महिला को अधिक चाय, कॉफ़ी, शराब, आर्टिफीसियल स्वीटनर, और पैक्ड फ़ूड से उचित दूरी बनाये रखनी चाहिए। एक औरत को प्रेगनेंसी में अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और गुड फैट जैसे सभी नयूट्रिशन शामिल करने बेहद जरूरी हैं।
एक प्रेग्नेंट माँ को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। इसके लिए उसे अपने खानपान के साथ साथ सही वज़न पर भी ध्यान देना होगा। वज़न पर कंट्रोल रखने के लिए एक बार में बहुत ज्यादा न खाकर थोड़ी-थोड़ी देर में खाया जा सकता है। चलिए जानते हैं कि सम्पूर्ण पोषण के लिए प्रेगनेंसी में क्या खायें|
प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए (Best Foods for Pregnancy)
फॉलिक ऐसिड Folic Acid
यह सुपर पोषक तत्व प्रेगनेंसी को 9 महीने तक सही तरीके से चलने में मदद करता है। गर्भावस्था के पहले तीन चार हफ्तों में ही भ्रूण के दिमाग और रीढ़ की हड्डी में डिफेक्ट होने का खतरा रहता है। लेकिन, फॉलिक एसिड लेने पर इन सभी जोखिमों को कम करके बच्चे को बचाया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में RDA = 600 mcg.
फॉलिक ऐसिड के स्रोत
- मसूर की दाल
- एस्परैगस
- पालक
- काले सेम
- सफेद चावल
- राजमा
- ब्रॉकली
- शलजम का साग
- संतरे का रस
आयरन Iron
प्रेगनेंसी के दौरान आयरन सबसे नाजुक पोषक तत्व होता है। ज्यादातर औरतें Hb के कम लेवल के साथ ही प्रेगनेंसी की शुरुआत कर लेती है इसलिए खून की मात्रा बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी है। आयरन का स्तर सही बने रहने से बच्चे को पूरी तरह से विकास करने में मदद मिलती है और premature delivery को टाला जा सकता है। इसके अलावा यह अनीमिया के जोखिम को कम करके मां को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है।
गर्भावस्था के दौरान RDA = 27 मिलीग्राम से 47 मिलीग्राम
आयरन के स्रोत
- साबुत अनाज
- गौमांस
- पालक
- लैम्ब
- सोयाबीन
- राजमा
- मसूर की दाल
- जैतून
- तिल
कैलशियम Calcium
कैलशियम मेटाबॉलिज्म का एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। मां में कैल्शियम का स्तर सही होने से बच्चे में हड्डियों और दांतों का बेहतर निर्माण होता है। इसके अलावा कैल्शियम मां को प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बचाता है। कैल्शियम की कमी दूर हो जाने से डिलीवरी के बाद कमर या पैरों में दर्द की परेशानी पैदा नहीं होती।
गर्भावस्था के दौरान RDA = 1000 मिलीग्राम
कैलशियम के स्रोत
- दूध
- पनीर
- दही
- टोफू
- तिल
- रागी
- सार्डीन और अन्य मछलियाँ
- पालक
- शलजम और हरी फलियाँ
डीएचए (DHA)
डीएचए दिमाग के सही काम करने के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। प्रेगनेंसी के दौरान DHA के स्तर को सही रखना चाहिए। वरना बच्चे के दिमाग का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाता और कई तरह की कॉग्निटिव इंपेयरमेंट या न्यूरोलॉजिकल विकार हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह माँ को हृदय संबंधी रोगों से बचाता है और कुछ बाद के वर्षों में पार्किंसन डिजीज से भी बचाने की क्षमता रखता है।
गर्भावस्था के दौरान RDA = 300 mg
डीएचए के स्रोत
- सैल्मन
- टूना
- कैटफ़िश
- ब्लू क्रैब
- अखरोट
- अलसी के बीज
- टोफू
- बादाम
- विंटर स्क्वैश
जिंक Zinc
यह एक पोषक तत्व हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता, आंखों की ज्योति, चमकदार त्वचा, और रीप्रोडक्शन सभी में एक साथ मदद करता है। मां को जिंक का लेवल सही बनाए रखना चाहिए जिससे मां और बच्चे दोनों की इम्युनिटी बरकरार रहे और मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया में भी सहयोग मिले।
गर्भावस्था के दौरान RDA = 11 mg
जिंक के स्रोत
- गौमांस
- लैम्ब
- तिल
- मसूर की दाल
- काजू
- किनुआ
- दही
- ऑइस्टर
- क्रैब
राइबोफ्लेविन Riboflavin
प्रेगनेंसी में बढ़ी हुई कैलोरी को शरीर के उपयोग लायक बनाने के लिए राइबोफ्लेविन बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान RDA = 1.4 mg
राइबोफ्लेविन के स्रोत
- दूध
- दही
- सोयाबीन
- पालक
- मशरूम
- अलसी
- एस्परैगस
- बादाम
- अंडे
विटामिन B6 Vitamin B6
यह सामान्य मेटाबॉलिज्म को सुचारू रूप से चलाता है और शरीर से waste materials को बाहर करने में लिवर की मदद करता है। मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर पड़ता है।
प्रेगनेंसी के दौरान RDA = 1.9 mg
विटामिन B6 के स्रोत
- टयूना
- टर्की
- चिकन
- सैल्मन
- केला
- आलू
- शकरकंद
- सूरजमुखी के बीज
- पालक
विटामिन B12 Vitamin B12
यह भोजन से मिलने वाली ऊर्जा और प्रोटीन के सही उपयोग में मदद करता है लेकिन इसका मुख्य कार्य डीएनए का निर्माण करना है। इसलिए हमारे ब्रेन और नर्वस सिस्टम का स्वास्थ्य सीधे-सीधे विटामिन B12 के स्तर पर निर्भर करता है। B12 विशेष रूप से जानवरों से मिलने वाले भोजन में पाया जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान RDA = 2.6 mcg
विटामिन B12 के स्रोत
- दूध
- दही
- सैल्मन
- टूना
- सार्डिन
- लैम्ब
- पका हुआ आलू
- झींगा
- गौमांस
विटामिन C Vitamin C
यह आयरन और बाकी पोषक तत्वों के अब्सॉर्प्शन में मदद करता है। इम्यूनिटी को तेजी से बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर कर डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान RDA = 85 mg
विटामिन C के स्रोत
- भारतीय करोंदा (आंवला)
- नींबू
- शिमला मिर्च
- पपीता
- ब्रॉकली
- स्ट्रॉबेरीज
- संतरा
- कीवी
- खरबूजा
विटामिन D Vitamin D
शरीर में कैल्शियम पूरी तरह से तभी अवशोषित हो पाता है जब आपका विटामिन डी का स्तर सही होता है। इसलिए हड्डियों और दातों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी के का स्तर कम नहीं होना चाहिए। यह इम्यूनिटी को बढ़ाकर ब्लड शुगर के लेवल को नार्मल बनाए रखने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी के दौरान RDA = 600 International Units (IU)
विटामिन D के स्रोत
- दूध
- दही
- सार्डिन
- सैल्मन
- टूना
- अंडा
- फोर्टिफाइड फूड्स
अंत में
गर्भावस्था एक ऐसी नाजुक स्थिति है जिस पर होने वाले बच्चे का पूरा स्वास्थ्य
निर्भर करता है। इसलिए सभी घरवालों का दायित्व है की भावी माँ के पोषण का ध्यान रखें। समाज में प्रचलित अफवाहों पर ध्यान ना देकर केवल माँ और शिशु के nutrition के बारे में ही सोचें। प्रेग्नेंट औरत को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसके बारे में एक आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। Pregnancy Me kya Khana Chahiye? Hindi | Pregnancy me kya nahi Khana Chahiye? प्रेगनेंसी में क्या खायें और प्रेगनेंसी में क्या नहीं खायें?
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल Frequently Asked Questions
Q1 क्या प्रेगनेंसी में मुझे सप्लिमेंट्स लेने चाहिए?
A1 हाँ, प्रेगनेंसी की शुरुआत में डॉक्टर की सलाह पर जरूरी सप्लिमेंट्स लेने चाहिए।
Q2 प्रेगनेंसी में कितनी बार खाना चाहिए?
A2 आप तीन मुख्य भोजन के अतिरिक्त 2 या 3 बार छोटे स्नैक्स भी खा सकती हैं। पर याद रखें कि वे ज़ीरो कैलोरी वाले पैक्ड फ़ूड ना होकर होलसम फ़ूड होना चाहिए।
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