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Thyroid in Pregnancy in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?

Thyroid in Pregnancy in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?हमारे शरीर में होने वाली सभी क्रियाओं को मेटाबॉलिज्म नियंत्रित करता है। इसे अपने कामों को पूरा करने के लिए विभिन्न हारमोंस की जरूरत होती है। जिनमें से एक है थाइरॉइड हार्मोन।  थाइरॉइड हार्मोन शरीर के तापमान, दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करता है।

Thyroid in Pregnancy in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?

हमारे गले में स्थित थाइरॉइड ग्लैन्ड के कम काम करने से किसी महिला को प्रेगनेंसी से पहले या प्रेगनेंसी के दौरान हाइपोथाइरॉएड हो सकता है। यहां पर आपको विस्तार में बताया जा रहा है कि प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?प्रेगनेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें और वजन को कैसे नियंत्रित करें। Thyroid in Pregnancy in Hindi.

Table of Contents

    • प्रेगनेंसी के दौरान थाइरॉइड हार्मोन का महत्व
    • प्रेगनेंसी के दौरान हाइपोथाइरॉइड
    • हाइपर थाइरॉइड होने से क्या परेशानियां हो सकती हैं
  • Thyroid in Pregnancy in Hindi ; प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में मेडिकल सहायता
    • प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?
  • Thyroid in Pregnancy in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?
    • प्रेगनेंसी में थाइरॉइड के लिए डाइट प्लान
  • प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें?
    • अंत में

प्रेगनेंसी के दौरान थाइरॉइड हार्मोन का महत्व

थाइरॉइड हार्मोन बच्चे के दिमाग और संपूर्ण विकास के लिए बहुत आवश्यक है। गर्भावस्था के शुरुआती कुछ महीनों तक भ्रूण थाइरॉइड हार्मोन के लिए पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है। इसलिए प्रेगनेंसी में माता का थाइरॉइड संतुलन सही होना चाहिए। कुछ महीनों के बाद बच्चा अपने लिए थाइरॉइड हार्मोन खुद पैदा करने लगता है|

प्रेगनेंसी के दौरान हाइपोथाइरॉइड

प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन यह सभी लक्षण प्रेगनेंसी में होने वाले लक्षणों से इतने ज्यादा मिलते हैं कि उन्हें एहसास ही नहीं हो पाता कि ये किसी और बीमारी के लक्षण हैं। जैसे कि – दिल की धड़कन बढ़ना, गर्मी लगना, थकावट होना, वजन बढ़ना, चिड़चिड़ापन इत्यादि। इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और समय पर लेडी डॉक्टर से सलाह कर दवाई शुरू कर देनी चाहिए।

हाइपर थाइरॉइड होने से क्या परेशानियां हो सकती हैं

थाइरॉइड हार्मोन के कम या ज्यादा काम करने से भ्रूण पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो नीचे लिखी कई परेशानियां हो सकती हैं:

  • समय से पहले डिलीवरी
  • खून की कमी
  • गर्भपात
  • कटा होंठ या तालु और एक्स्ट्रा उंगलियों जैसे जन्म दोष
  • ऑटोइम्यून विकार
  • शिशु के विकास में देरी
  • हृदय, किडनी और दिमाग संबंधी विकारों का खतरा

Thyroid in Pregnancy in Hindi ; प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में मेडिकल सहायता

थाइरॉइड ग्रंथि का नार्मल स्तर होने से मिसकैरेज की संभावना कम हो जाती है और बच्चे के मस्तिष्क का सही विकास होता है। थाइरॉइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको थायरोक्सिन की गोली लेने की सलाह दे सकते हैं। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी बढ़ती है थाइरॉइड के स्तर में भी बदलाव आ सकता है। इसलिए शुरुआती प्रेगनेंसी के हर 4 हफ्ते में खून की जांच कराना अनिवार्य है।

प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?

डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाइयों के अलावा हम कुछ सुपर फूड खाकर भी थाइरॉइड के फंक्शन को सामान्य बना सकते हैं।

अलसी Flaxseed

अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर होते हैं जो थाइरॉइड हार्मोन के प्रोडक्शन में मदद करते हैं। यह विटामिन B12 और मैग्नीशियम के बेहतरीन स्रोत हैं, जो हाइपोथाइरॉएडिज्म के लक्षणों से लड़ सकते हैं।

अदरक Ginger

हाइपोथायरायडिज्म को ठीक करने के लिए अदरक आसानी से मिलने वाला सुपर फूड है। इसमें पॉलिफिनॉल्स, मैग्नीशियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में है। जिनमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण थाइरॉइड के लक्षणों में बहुत फायदेमंद है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में होने वाली गैस, एसिडिटी सीने में जलन इत्यादि में अदरक की सही मात्रा और सही तरीका बहुत अधिक फायदेमंद सकता है।

अश्वगंधा Ashwagandha

थाइरॉइड को नियंत्रित करने के लिए अश्वगंधा एक चमत्कारी जड़ी बूटी है। यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर शरीर के स्टैमिना में सुधार करती है। यह प्रकृति का एक ऐसा उपहार है जो थाइरॉइड ग्रंथि को संतुलन में ला सकता है।

नारियल तेल Coconut Oil

थाइरॉइड ग्रंथि के सुस्त हो जाने पर शरीर में इन्फ्लेमेशन (जलन और सूजन) बढ़ जाती है, जो अन्य रोगों को जन्म देती है। नारियल के तेल में मौजूद मीडियम चेन फैटी एसिड, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड से लड़ने के लिए फायदेमंद हैं। हमें अपने खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। केवल जो वस्तुएं फैशन में हैं, उनके पीछे ना भागें।

थाइरॉइड में अच्छे तेल का चुनाव कैसे करें (English Article)

ब्राज़ील नट Brazil Nut

ये सेलेनियम के अच्छे स्रोत होने के कारण थाइरॉइड ग्रंथि के उचित कामकाज में मदद करते हैं।  लेकिन इन में फैट की मात्रा अधिक होने के कारण कम मात्रा में ही खायें।

गुग्गल Guggal

यह गुग्गलस्टेरॉन नामक कंपाउंड को सक्रिय कर देता है, जिससे हाइपोथाइरॉएडिज्म के लक्षणों से छुटकारा पाया जा सकता है। गुग्गल ज्यादातर आयुर्वेदिक दुकानों में आसानी से मिल जाता है |

केल्प Kelp

यह पानी के अंदर उगने वाली एक तरह की घास है, जिसमें थाइरॉइड को असरदार तरीके से ठीक करने के लिए ऑर्गेनिक गुण पाए जाते हैं। यह शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा करता है। इसके अतिरिक्त आप स्पिरुलिना भी ले सकते हैं।

आयोडीन नमक (Iodised Salt)

थाइरॉइड ग्रंथि अपने सामान्य कामकाज के लिए आयोडीन पर निर्भर है। आयोडीन की कमी से ना केवल थाइरॉइड ग्रंथि में सूजन (goiter) आ सकती है, बल्कि हाइपोथायरायडिज्म भी हो सकता है। भोजन में आयोडीन को शामिल करने के लिए आयोडीन नमक सबसे अच्छा तरीका है। इंटरनेट पर सेंधा नमक के फायदे जानकर अगर आप उससे प्रभावित हो गए हैं और सामान्य नमक को पूरी तरह उससे बदल लेते हैं तो आप थाइरॉइड ग्रंथि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन सभी घरेलू उपायों के अतिरिक्त प्रेगनेंसी में नियमित ब्लड टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है।

Thyroid in Pregnancy in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें? प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड में क्या खायें?

यहां पर आपको प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड के लिए डाइट प्लान बताया जा रहा है। यह आहार योजना प्रेगनेंसी की पहली तिमाही के लिए सही है। गर्भावस्था के बढ़ने पर और थाइरॉइड का स्तर नॉर्मल आने के बाद इसे फॉलो करें – इंडियन डाइट प्लान फॉर प्रेगनेंसीप्रेगनेंसी में थाइरॉइड के लिए डाइट प्लान

प्रेगनेंसी में थाइरॉइड के लिए डाइट प्लान

सुबह (Early Morning) 2 या 3 भीगे हुए ब्राज़ील नट + 1 कप हल्दी वाली चाय। (रेसिपी)

या

1 कप बिना चीनी की अदरक की चाय

नाश्ता (Breakfast) 2 वेजिटेबल इडली + चटनी के साथ

या

1 कटोरी ओट्स उपमा।

या

रवा या बेसन ढोकला (2)+ नारियल की चटनी

या

1 कटोरी वेजिटेबल पोहा

या

1 पनीर भरवां डोसा+नारियल की चटनी

मिड-मॉर्निंग (Mid-Morning) सेब के स्लाइस/संतरे में थोड़ा सा आयोडीन नमक और अलसी का पाउडर छिड़कें
दोपहर का भोजन (Lunch) 1 कप किनुआ +टमाटर+ ककड़ी का सलाद (किनुआ ऑप्शनल है) +

1 कप चने की सब्जी/ 1 कप दाल/1 कप चिकन करी/ 1 कप दही +

2 गेहूं की रोटी या 1 कटोरी दलिया (यदि आपके पास हाशिमोटो नहीं है) / 2 चावल के आटे की रोटी / 1 कटोरी जई / 1 कटोरी किनुआ +

1 कप पकी हुई मिली-जुली सब्जी

शाम (Evening) नींबू के साथ 1 गिलास गाजर का रस / 1 गिलास एवोकैडो शेक
रात का खाना (Dinner) 1 कटोरी कद्दू का सूप / 1 कटोरी गाजर और टमाटर का सूप +

1 मीडीअम कटोरी खिचड़ी+ कढ़ी

सोते समय (Bedtime) 1 कप अश्वगंधा की जड़ का पाउडर पानी में मिला कर + 1 स्पिरुलिना कैप्सूल

 

प्रेगनेंसी के दौरान थायराइड में क्या करें?

हाइपोथायरायडिज्म को नियंत्रित करने के लिए अपने दैनिक जीवन में नीचे बताए गए टिप्स का पालन करें:

  • योगासन और प्राणायाम की सही तकनीक अपनाकर थाइरॉइड ग्रंथि के बैलेंस को दोबारा से स्थापित किया जा सकता है। सही posture  और technique के लिए किसी योगा इंस्ट्रक्टर की मदद लें। पानी की मात्रा बढ़ाएं। थाइरॉइड ग्रंथि के सामान्य कामकाज के लिए 10 से 11 गिलास पानी अवश्य पियें। इससे नुकसानदायक टॉक्सिंस शरीर में रुक नहीं पाएंगे और किडनी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
  • सूर्य स्नान करें – थाइरॉइड हार्मोन के सही संतुलन के लिए रोजाना 15 मिनट धूप में अवश्य बैठे। यह मेटाबॉलिजम और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसके अतिरिक्त विटामिन डी गर्भावस्था में बेहद आवश्यक है। इसे भी पढ़ें बेनिफिट्स ऑफ विटामिन डी |
  • सैर करें – प्रेगनेंसी में रोजाना हल्की-फुल्की शारीरिक एक्टिविटी चालू रखें। जैसे कि सुबह-शाम हल्की सैर। इससे थाइरॉइड ठीक रहता है और आप फिट रहते हैं।
  • मोबाइल को छोड़ें – मोबाइल पर ज्यादा लंबे समय तक लगातार बातें करते रहने से आपकी थाइरॉइड ग्रंथि पर कानों के रास्ते बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए बेहद आवश्यक होने पर हेडसेट का इस्तेमाल करें।
  • तनाव से दूर रहें – गहरी नींद आपके शरीर के सभी हारमोंस को संतुलन में रखती है। खराब नींद थाइरॉइड के सामान्य कामकाज को खराब करके ना केवल मां बल्कि होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।

अंत में

प्रेगनेंसी के दौरान हाइपोथायरायडिज्म को हल्के में ना लें। क्योंकि यह मां और और अजन्मे बच्चे दोनों के लिए कई तरह के खतरे को आमंत्रण दे सकता है। लेकिन संतुलित भोजन खाने पर आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। रेगुलर चेकअप कराते रहें, अपनी दवाइयाँ ना छोड़े और ऊपर बताए गए प्रेगनेंसी में थाइरॉइड के डाइट प्लान और टिप्स को अपने जीवन में अवश्य फॉलो करें। Thyroid in Pregnancy in Hindi

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions) FAQs

Q 1. प्रेगनेंसी में थाइरॉइड का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए ?

A 1. प्रेगनेंसी के ही अन्य ब्लड टेस्ट के साथ T3, T4, और TSH का भी टेस्ट करवा सकते हैं।

 

About RD, Payal Banka (Registered Dietitian)

RD, Payal Banka (Registered Dietitian)

Payal(पायल) is a Registered Dietitian with 15 years of experience. She is a Professional Blogger, Author, and a Youtuber. She is an MBA in Health care and Hospital management. Payal believes in healthy living. Here at Dietburrp, you will find her talking about health, weight loss, fitness, parenting, healthy cooking and how to keep yourself motivated to be healthy.

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