Weight Loss Diet Plan for Lactating Mothers in Hindi / Breast Feeding ke Dauran Vajan Kam Kaise kare? ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन कम कैसे करें? एक बच्चे को जन्म देने के बाद एक औरत की जिंदगी 360 डिग्री बदल जाती है। डिलीवरी के बाद ज्यादातर औरतें कमज़ोर, असुरक्षित, निराश और चोटिल महसूस करती हैं। ये औरतें मातृत्व की नई भावना का आनंद लेने की जगह प्रेगनेंसी में अपने शरीर की बिगड़ी हुई शेप को सही करने की चिंता में डूबी रहती हैं। इसलिए वे बिना किसी प्लानिंग के डाइट या वर्कआउट शुरू कर देती हैं। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन कम करने से बच्चे को मिलने वाले दूध की मात्रा और क्वालिटी दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए बच्चे के सही स्वास्थ्य और ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए हम आपको ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान वज़न कम करने के लिए डाइट प्लान बता रहें हैं।
Weight Loss Diet Plan for Lactating Mothers in Hindi
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान एक औरत को अपनी डाइट में 400 से 500 एक्स्ट्रा कैलोरी की आवश्यकता होती है। लेकिन, इस एक्स्ट्रा खुराक से आपका वज़न नहीं बढ़ेगा। क्योंकि जब बच्चा आपका दूध पीता है उस समय आपके शरीर से एक खास हार्मोन ऑक्सीटॉसिन निकलता है और यह हार्मोन वेट लॉस में सहायक है।
इसलिए वजन घटाने के लिए डाइट प्लान लेने से पहले पूरी तरह रिसर्च करें। हमारा यह डाइट प्लान ब्रेस्टफीडिंग मदर्स को वजन घटाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।Weight Loss Diet Plan for Lactating Mothers in Hindi / Breast Feeding ke Dauran Vajan Kam Kaise kare? ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन कम कैसे करें ?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन घटाने के लिए आवश्यक टिप्स
- दूध पिलाने वाली माताओं के लिए पौष्टिक भोजन खाना सबसे ज्यादा जरूरी है। संतुलित भोजन खायें, जिसमें प्रोटीन, फैट, फ़ाइबर और कार्बोहाइड्रेट सभी कुछ हो।
- तेजी से वजन घटाने वाली क्रैश डाइट से बचें। ये आपके शरीर के सामंजस्य और मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ सकती हैं।
- बच्चे को दूध पिलाने के दौरान जीएम डाइट, कीटो डाइट, paleo डाइट, और लो कार्ब डाइट बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए।
- केवल ऐसा डाइट प्लान फॉलो करें जिसमें नवजात शिशु के पोषण के लिए सभी micros और macros हों।
- पूरे दिन के भोजन को केवल तीन बार में खाने की बजाय 5-7 छोटे भोजन में बांट सकते हैं। इससे आपका मेटाबॉलिज्म तेज काम करेगा, जिससे मोटापा नहीं बढ़ेगा और बच्चे को लगातार दूध भी मिलता रहेगा।
- मुख्य भोजन के बीच में भूख लगने पर हेल्दी स्नैक्स जैसे कि सूखे मेवे, खाकरा, मुरमुरा, ढोकला, मखाना, पॉपकॉर्न, मल्टीग्रेन क्रैकर्स, सोया स्टिक्स, चिक्की, अंकुरित भोजन या फल ले सकते हैं।
- भोजन धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खायें, ताकि भोजन से सिर्फ आपके पेट को नहीं आपकी आत्मा को भी तृप्ति मिले।
- खड़े होकर या चलते फिरते भोजन ना करें। चौकड़ी मार कर या कुर्सी पर बैठकर आराम से भोजन करें।
ब्रेस्टफीडिंग माँ के लिए आवश्यक न्यूट्रिएंट्स
- शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के लिए दूध या दही पहले से दोगुनी बार खायें।
- भोजन में प्रोटीन युक्त फूड जैसे कि दूध, दही, अंडे, पनीर, लीन मीट, मेवे और साबुत दालों को शामिल करें।
- रोजाना के भोजन में हेल्दी फैट जैसे कि नारियल तेल, बादाम तेल, मक्खन-मलाई खाना बहुत जरूरी है। इससे शरीर में हारमोंस का सही संतुलन बना रहता है। भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रिफाइंड तेल की जगह फिल्टरड तेल का इस्तेमाल करें।
- भोजन के बेहतर पाचन के लिए कॉम्प्लेक्स कार्बस जैसे कि बाजरा, ज्वार, रागी, मक्की इत्यादि का सेवन करें।
- शरीर में सभी विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति बनाए रखने के लिए 5 से 6 सरविंग ताजे फल और सब्जियाँ खायें।
- आयरन और फोलिक एसिड के सप्लीमेंट्स लेकर हिमोग्लोबिन के स्तर को सही रखकर अनीमिया से बचाव करें।
- सुबह की हल्की धूप से विटामिन डी जरूर लें। इससे कैल्शियम भी बेहतर तरीके से शरीर में अवशोषित (absorb) होता है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे का पेट भरा रहे इसलिए माँ की छाती से पर्याप्त मात्रा में दूध निकलना आवश्यक है। इसके लिए अपनी रसोई से ही कुछ चीजों को अपने दैनिक भोजन में शामिल करें। जैसे कि बादाम, लहसुन, रागी, पालक, मेथी दाना, तिल, पंजीरी, खस खस इत्यादि।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन घटाने के लिए फूड टिप्स Breast Feeding ke Dauran Vajan Kam Kaise kare?
- जितना संभव हो तले हुए और मसालेदार खाने से बचें, क्योंकि आपके दूध के माध्यम से ये सभी बच्चे तक पहुंच सकते हैं। जो उसके विकास के लिए नुकसानदायक है।
- अगर आप समुद्री भोजन के शौकीन हैं तो कुछ महीनों के लिए इस इच्छा को दबाकर रखें। क्योंकि इसमें मौजूद मर्करी बच्चे के विकास में बाधा पैदा कर सकता है।
- दूध बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें। इसके लिए आप सादा पानी, ग्रीन या हर्बल टी( कैफीन फ्री), जूस, सूप, और छाछ का भी प्रयोग कर सकते हैं। डिब्बाबंद जूस के स्थान पर अपने सामने ही निकलवा कर ताजा जूस पियें।
- शराब और सिगरेट पीने से बच्चे के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां की डाइट में बिना चीनी वाले या कम से कम चीनी वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए।
- लेक्टेटिंग पीरियड में अगर आपको किसी खास फूड आइटम की क्रेविंग होती है तो सबसे हेल्दी विकल्प को ही चुनें।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन कम करने के लिए डाइट प्लान ( Weight Loss Diet Plan for Lactating Mothers in Hindi )
भोजन का समय | मेनू (Menu) | मात्रा (Quantity) |
सुबह उठते ही | दूध + | 1 गिलास |
पंजीरी | 1 बड़ा चम्मच | |
सुबह का नाश्ता ( 9 AM) | अंकुरित मूंग और पालक का डोसा/ चीला | 2 |
टमाटर अदरक की चटनी | 2 बड़े चम्मच | |
या | ||
वेजिटेबल दलिया | 1 कप | |
वेजिटेबल रायता | 1 कप | |
या | ||
उबले अंडे | 2 | |
आटा ब्रेड | 2 | |
Mid-morning (11 AM) | छाछ | 1 गिलास |
भीगे हुए बादाम | 20 | |
या | ||
अनार | 1 | |
हर्बल पानी | 1 गिलास | |
दोपहर का खाना (Lunch (1 PM) | हरी पत्तेदार सलाद/अंकुरित सलाद/किनुआ सलाद | 1 कप |
चपाती/ फुल्का/ रोटी | 2 | |
पनीर की ग्रेवी/लहसुन की रसम/लौकी की सब्जी | 1 कप | |
अजवायन / सौंफ पानी | 1 गिलास | |
मिड ईव्निंग (3 PM) | नारियल पानी/ग्रीन टी / रागी दलिया | 1 गिलास |
शाम का नाश्ता (5 PM) | वीट क्रैकर / मुरमुरा / खाखरा / मखाना / सूखे मेवे की चिक्की | 1 कप |
या | ||
मिक्स लड्डू (बादाम, खसखस, तिल, नारियल, गुड़) | 1 | |
रात के खाने से पहले (7 PM) | मेथी दाना पानी | 1 गिलास |
रात का खाना (8 Pm) | लाल चावल | 1कप |
या | ||
फुल्का / चपाती | 2 | |
हरी सोया / मेथी की सब्जी | 1 कप | |
दही | 1 कप | |
बेबी गाजर | 2 | |
सोने का समय (10 PM) | दूध | 1 गिलास |
रागी माल्ट | 1 छोटा चम्मच |
ऊपर बताया गया डाइट प्लान केवल एक शिशु के लिए है, अगर आप जुड़वा या ट्रिपलेट को पाल रहे हैं तो कमेंट करके हमें बताएं और अपने लिए नया प्लान बनवाएं।
अंत में
उचित डाइट के साथ हल्का-फुल्का व्यायाम माँ के दूध की क्वालिटी में सुधार लाता है, एनर्जी लेवल को बढ़ाता है, और आपको कुछ ग्राम वजन भी कम करने में मदद करता है। लेकिन किसी भी एक्सरसाइज रूटीन को शुरू करने से पहले 6 से 8 हफ्ते रुकें। उसके उसके बाद भी डॉक्टर से सलाह करके ही इसे शुरू करें। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए डिलीवरी के बाद वज़न घटाने का यह डाइट प्लान हर किसी पर अलग प्रभाव दिखाएगा। इसलिए जो औरतें इस डाइट से वजन कम नहीं कर पाती हैं, वे हिम्मत ना हारें।
याद रखें कि यह वज़न आपने 9 महीने की प्रेगनेंसी में बढ़ाया था इसलिए इसे घटने के लिए भी कुछ महीनों का समय दें। अपनी मेडिकल कंडीशन और शारीरिक जरूरतों के हिसाब से स्पेशल डाइट प्लान बनवाने के लिए हमसे यहां पर संपर्क करें। मैं आशा करती हूं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वजन घटाने के लिए डाइट प्लान आप के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा और फिर से आपको 36 -24- 36 के आकार में लाने का मदद करेगा ।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
Q 1 ब्रेस्टफीडिंग के क्या फायदे हैं?
A 1 ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चे को सम्पूर्ण न्यूट्रीशन मिलता है और माँ और बच्चा कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं। दूध पिलाने वाली माताओं को ब्रेस्ट कैंसर और बच्चेदानी का कैंसर होने की संभावना कम होती है।
Q 2 माँ को ब्रेस्टफीडिंग कब तक करनी चाहिए?
A 2 बच्चे को जन्म देते ही माँ अपना दूध पिलाना शुरू कर सकती है। जन्म के बाद कम से कम 6 महीने से लेकर बच्चे के 2 साल तक का होने तक माँ अपना दूध पिला सकती है।
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